सिवनी। द्विपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज की प्रतिमा का शुक्रवार को अभिषेक कर विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा की गई।
समीपस्थ ग्राम कमकासुर (कामेश्वर) में जन्मे ब्रह्मचारी कैवल्यानंद जी महाराज जो लंबे समय से जगतगुरु शंकराचार्य जी महाराज झारखंड के चाईवासा में स्थित विश्व कल्याण आश्रम के प्रभारी है, उन्होंने यहाँ आदिवासियों को ईसाई बनने से रोका और महाराज श्री के निर्देश में सनातन धर्म के अनेकों अनुष्ठान किये थे।
मार्गशीर्ष संवत् 2081 शुक्ल पक्ष तिथि पंचमी तदनुसार शुक्रवार 06 दिसम्बर को कमकासुर ग्राम में नवनिर्मित मंदिर में द्विपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की प्रतिमा तथा भगवान कामेश्वर शिवलिंग सहित ब्रह्मचारी जी महाराज की स्वर्गीय माताश्री फूलमती देवी व पूज्य पिता पंडित श्री मनीराम द्विवेदी जी की मूर्तिप्रतिष्ठा की गई।
इस अवसर पर अपनी जन्मभूमि में अपने आराध्य देव, अपने पूज्य गुरुदेव, अपने माता पिता की प्रतिमा प्रतिष्ठा अनुष्ठान में ब्रम्हचारी श्री कैवल्यानंद जी महाराज तथा अग्नि अखाड़ा के महामंडलेश्वर ब्रह्मऋषि आचार्य रामकृष्णानंद जी महाराज की गरिमामय उपस्थित रही।
आयोजनकर्ता द्विवेदी परिवार के पं. बलराम द्विवेदी, पं. हरिराम द्विवेदी पं. रूपराम द्विवेदी, पं. राजाराम द्विवेदी ने बताया कि शुक्रवार को विधिवत प्राण -प्रतिष्ठा का कार्य सम्पन्न होने के बाद दोपहर से महाप्रसाद वितरण विशाल भंडारा का आयोजन किया गया।
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