सिवनी। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्री जयदीप सोनवर्से ने 5 दिसंबर 2024 को 90 वर्षीय वृद्ध अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। यह फैसला भारतीय न्याय संहिता की धारा 296, 115(2), 351(2), 3(5), और 103(1) के तहत दर्ज हत्या जैसे गंभीर मामले में अभियुक्त के प्रथम नियमित जमानत आवेदन को स्वीकार करते हुए सुनाया गया।
अभियुक्त की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अंशुल सिंह राजपूत ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि अभियुक्त की उम्र 90 वर्ष है और उनकी स्वास्थ्य स्थिति बेहद खराब है। ऐसे में उन्हें हिरासत में रखना न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन होगा, बल्कि अमानवीय भी होगा।
अधिवक्ता राजपूत ने अदालत को भरोसा दिलाया कि अभियुक्त जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे।
अंशुल सिंह राजपूत की प्रभावी दलीलों और सटीक कानूनी तर्कों को अदालत ने स्वीकार करते हुए वृद्ध अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अभियुक्त न्याय प्रक्रिया का पूरा पालन करेंगे।
यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि हत्या जैसे गंभीर अपराध में जमानत का फैसला असामान्य है हालांकि इसे मानवीय दृष्टिकोण और न्याय के बीच में संतुलन स्थापित करने का प्रयास बताया जा रहा है।
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