सिवनी। यात्रियों की जान माल की सुरक्षा का बस मालिक कितना ध्यान रखते हैं इसका जीता जागता उदाहरण सिवनी जिले में यहां से संचालित होने वाली बसों में यात्रा कर रहे यात्रियों को देखा जा सकता है।
इस मामले में बसों की जांच करने के लिए एक अलग विभाग है। विभाग के छोटे से बड़े कर्मचारी तक को लाखों रुपए वेतन में मिल रहा है। लेकिन सांठगांठ के चलते यहां अनफिट बसें सड़कों पर खुलेआम दौड़ रही हैं। यात्रियों की मजबूरी है जिसके चलते वे गर्मी के इस मौसम में और साथ ही अचानक होने वाली तेज हवा, आंधी तूफान, ओलावृष्टि, बारिश के बीच जर्जर खटारा बसें जिनके शीशे भी नहीं है। ऐसी बसों में सफर करने मजबूर है। रविवार को दोपहर 1:30 बजे सिवनी बस स्टैंड से एक बस ऐसी गुजरी जिसमें बस के पीछे का बड़ा सा कांच पूरी तरह नदारद था। बस के अंदर ऊपर बैठा यात्री अपने परिचितों को टाटा बाय-बाय भी कर रहा है, बाहर हाथ निकालकर।
इस प्रकार की एक-दो बसे नहीं बल्कि यहां अधिकांश बसें इसी प्रकार से अनफिट चल रही है। और अधिकारी कहते हैं कि हमारे यहां सब ठीक-ठाक है। जांच के नाम पर भी महज खानापूर्ति की जा रही है।
वही आरटीओ ऑफिस में भी अभी भी दलाल सक्रिय हैं। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद बिना कार्यालय पहुंचे ही दलालों के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस जहां बन रहे हैं वहीं अन्य काम धड़ल्ले से हो रहे हैं। इस मामले में कलेक्टर को शिकायत की भी की जा चुकी है।
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