सिवनी। करवा चौथ पर विशेष वक्तव्य दीर्घायु के लिए योग करें एवं पतियों को प्रेरित करें दीर्घायु के लिए प्राणायाम की महत्वता व्यक्ति की दीर्घायु के लिए अत्यंत आवश्यक है, उक्ताशय की बात योगाचार्य नरेश मिश्रा ने बताया कि विभिन्न रोगों का निवारण प्राणायाम के द्वारा प्राण वायु का नियमन करने से सहजता पूर्वक किया जा सकता है।
इस विज्ञान अर्थात प्राण वायु के विज्ञान की जानकारी स्वयं तथा दूसरों के स्वास्थ्य को व्यवस्थित सुव्यवस्थित करके सुखी एवं आनंद पूर्ण जीवन का लाभ लेते हुए अपनी आयु को बढ़ा सकता है। यही कारण है कि सनातन धर्म शुभ कार्य में तथा संध्योपासना के नित्य कर्म को प्राणायाम को एक आवश्यक धर्म कृत के रूप में सम्मिलित करता है प्राणायाम करने से दीर्घ श्वसन का अभ्यास स्वत होने लगता है। भगवान की ओर से जो हमें जीवन मिला है । उसमें प्राण या स्वास्थ्य मिलते हैं जिसके जैसे कर्म होते हैं उसी के अनुसार अगला जन्म मिलता है पुण्य अ पुण्य या अपूर्ण कर्म के फल स्वरुप व्यक्ति को मनुष्य कीट पतंग योनियों में जन्म आयु और भोग प्राप्त होता है प्राणायाम करने वाला अपने सांसों का कम प्रयोग करता है। इसलिए वह दीर्घायु भी होता है वैसे भी इस सृष्टि में प्राणी जितने कम सांस लेते हैं उतने ही दीर्घ जीबी भी होते हैं इसलिए करवा चौथ के व्रत में माताओं बहनों को चाहिए कि वह पतियों से यह संकल्प करावे की योग और प्राणायाम को अपने जीवन में सम्मिलित कर दीर्घायु होने का प्रतिफल प्राप्त करें तथा महिलाएं भी अपने जीवनसाथी के साथ बने रहने के लिए समय निकालकर प्राणायाम और योग को करें केवल उपवास रखकर एवं पूजन करने से वह लाभ प्राप्त नहीं हो सकता जो आप चाहती हैं।
इसलिए यह आवश्यक है कि स्थूल शरीर की विकृतियों को दूर करने और सूक्ष्म शरीर की गुणवत्तापूर्ण रचना को समझने के लिए आध्यात्मिक एवं मानसिक चिंतन के लिए योग प्राणायाम आवश्यक है तभी ईश्वर की प्राप्ति एवं दीर्घायु मिलती है।
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