Breaking
21 Dec 2025, Sun

कलेक्टर ने लगाया ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध, उल्लंघन पर कारावास

सिवनी। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ राहुल हरिदास फटिंग ने छात्र-छात्राओं की आगामी वार्षिक परीक्षाओं के मद्देनजर जिले के सभी समस्त नगरपालिका / नगर पंचायत क्षेत्र तथा ऐसे बड़े ग्राम जिनमें परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं, सभी क्षेत्रों के लिये म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के तहत ध्वानि विस्तारक यंत्रों के उपयोग को 31 मई 2021 प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए हैं। जारी आदेशानुसार म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा-4 के तहत प्रतिदिन रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे के बीच के समय में स्टीरियों, टेप, डेस्क, डी.जे., रिकॉर्डप्लेयर, घरेलू वाद्ययंत्रों, उपकरणों या सिनेमा अथवा अन्य विज्ञापनों के लिये लाउडस्पीकर जैसे उच्च ध्वनि विस्तारक यंत्रों को प्रतिबंधित किया गया है। धारा -5 के तहत सिनेमा, किसी मनोरंजन व्यापार या कारोबार का विज्ञापन करने के प्रयोजनों के लिये या किसी अन्य वाणिज्यिक आख्यापन के लिये तीव्र संगीत को ध्वनि विस्तारक से न तो चलाया जायेगा और न ही चलवाया जायेगा। इसी प्रकार किसी लोक स्थान या खुले स्थान, कोई सड़क या मार्ग, दुकानें, होटल, उपहार गृह में ट्रांजिस्टर, रिकॉर्डप्लेयर, टेप, स्टीरियों से न तो तीव्र संगीत चलाया या चलवाया नहीं जायेगा और न ही कोई विधुत या यांत्रिक भोपू (हार्न) को ऊंची आवाज में बजाएगा। धारा -6 के तहत किसी भी शैक्षणिक संस्था, छात्रावास अथवा छात्रों के अध्ययनरत किसी भवनों से 200 मीटर की दूरी के भीतर उक्त वर्णित ध्वनि विस्तारक को न तो बजाया जायेगा और न ही बजवाया जायेगा। इसी परिप्रेक्ष्य में यह भी स्पष्ट किया जाता है कि इलेक्टिकल्स / बिछायत केन्द्रों में प्रचारार्थ लाउड स्पीकरों एवं धार्मिक स्थलों पर वाद्य यंत्रों से उच्च संगीत को प्रतिषिध्द रहेगा।। उपरोक्त अधिनियम की धारा 13 (1) एवं (2) के तहत राष्ट्रीय और सामाजिक समारोहों तथा धार्मिक उत्सवों के अवसरों को तथा धार्मिक स्थानों तथा परिसरों पर छूट होने पर भी संबंधित क्षेत्र के विहित प्राधिकारी, उसे किये गये संबंधित थाना के माध्यम से लिखित आवेदन पर, ऐसी कालावधि के लिये ऐसे अवसरों और ऐसे क्षेत्रों में, जैसा कि अनुज्ञा में विनिर्दिष्ट किया जाये, उक्त अधिनियम की धारा 4, 5, 6 तथा 7 के उपबंधों से छूट दे सकेगा जो केवल ¼ वाल्यूम पर उपयोग किया जा सकेगा।   उक्त आदेश का उल्लंघन करने या उल्लंघन का प्रयत्न करने या दुष्प्रेरण करने पर छ: माह तक के कारावास या 1000 (एक हजार रूपये) जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। इसके पश्चात पुन: अपराध करने पर प्रथम दोषसिध्दि पर दोगुने दंड से दंडनीय होगा।  

— — — — — — — — — — — — — — — — — — — — —  ताजासमाचार पढ़ने के लिए न्यूज के नीचे दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं, या 94 2462 9494 सेव कर ज्वाइन की लिंक मांग सकते हैं। संतोष दुबे सिवनी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *