
सिवनी। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को विद्या अध्ययन कराए जाने के नाम पर शिक्षक-शिक्षिकाओं को यूं तो हर महीने काफी वेतन मिलता है लेकिन बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए जिले के कुछ शिक्षक ना तो गंभीर नजर आ रहे हैं और ना ही अपने कर्तव्यों के प्रति वे सजग और ईमानदार। इसका जीता जागता उदाहरण उस समय मिला जब बुधवार को शिक्षा विभाग के अधिकारी एक-दो स्कूल नहीं वरन कई स्कूलों का औचक निरीक्षण करने निकले तो स्कूलों में शिक्षक नदारद मिले और बच्चे परीक्षा देते हुए नजर आए। अनेक स्कूलों में महज 1-2 शिक्षक के भरोसे बच्चों की पढ़ाई व परीक्षाएं आयोजित पाई गई।
हायर सेकेंडरी स्कूल ढुटेरा से श्रीमती एस सोनी, एसके सेन, वीके दुबे, लोपा स्कूल से श्रीमती स्वीटी जयसवाल, श्रीमती प्रतिभा शर्मा, कुमारी सानिया खान, पीके तिवारी,
स्कूल मेहरा पिपरिया से पीएन बिसेन, कु. यामिनी तुरकर, श्रीमती आर सूर्यवंशी, श्रीमती आर रजक, श्रीमती एल कुर्वेती, श्रीमती एस बिसेन।

हाई स्कूल करकोटी से आर एस कुमरे संस्था प्रभारी, श्रीमती आर पटले, कुमारी दीप शिखा विश्वकर्मा,
भोमा स्कूल से दिनेश कुमार राहंगडाले, विजय डेहरिया, कुमारी नेहा यादव, कृष्ण कुमार हरिनखेडे स्कूलों से उक्त शिक्षक शिक्षिकाएं अनुपस्थित रहे।
बुधवार को जिला निरीक्षण टीम द्वारा बुधवार को विभिन्न स्कूलों में आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इस मौके पर एसएस कुमरे सहायक संचालक, आर पी पाटील विकासखंड अधिकारी, प्राचार्य टीआर ठाकुर एवं विपनेश जैन सहायक समन्वयक शामिल थे।


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