सिवनी। मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ संयुक्त राज्य पेंशनर्स महासंघ के राज्य समन्वयक डीबी नायर द्वारा प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया है की दिनांक 05 दिसंबर 21 को संस्कारधानी जबलपुर में श्रीराम मंदिर सभा कक्ष, गुप्तेश्वर रोड मदन महल स्टेशन चौराहे के पास सुबह 11 बजे से मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ संयुक्त राज्य पेंशनर्स महासंघ के तत्वाधान में दोनों राज्यों के पेंशनर्स के एक दिवसीय महा सम्मेलन आयोजित किया जा रहे है।
प्रदेश में यह पहली अवसर है की ऐसी पेंशनर्स महासंघ के सम्मेलन आयोजित हो रहे है जिस में मध्यप्रदेश के 11 पेंशनर्स संगठन एवं छत्तीसगढ़ के पांच पेंशनर्स संगठन के बैनर तले एक बृहत आयोजन किया जा रहे है।
इस महासंघ के अधिवेशन में भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सी एच सुरेश केरल प्रदेश एवं देश के अन्य प्रदेशों के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के गरिमामय उपस्थित रहेंगे। इस महा अधिवेशन में मध्यप्रदेश के दो केंद्रीय मंत्रीगण, संसदगण एवं राज्यसभा सदस्य एवं जबलपुर के सभी विधायकगण भी अपनी उपस्थिति से गौरवान्वित करेंगे जिस के लिए सधन प्रयास किया जा रहे है। इस महा अधिवेशन में मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के पेंशनर्स के लंबित। मांगों पर विस्तृत चर्चा कर आगामी रणनीति तय करेंगे।
इस आयोजन के उपलक्ष में दिनांक 04 दिसंबर 04 बजे जबलपुर में इंडियन काफी हाउस में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन भी किया गया है। दोनो प्रदेश के पेंशनर्स विगत 15वर्षों से सरकार के पेंशनर्स विरोधी नीतियों के कारण अपने मौलिक अधिकार से वंचित रहकर अत्यंत आर्थिक एवं मानसिक त्रासदी भोग रहे है। पेंशनर्स के प्रमुख मांगे निम्नानुसार है।
1. मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000के धारा 49कविलोपित कर पेंशनर्स के स्वत्वाें के भुगतान पर दोनों राज्य शासन के आपसी सहमति को समाप्त किया जाय।
2. छटवे वेतनमान के दिनांक01/01/2006 से दिनांक 31/082008 तक के रोक रखे 32 माह के एरियर्स के एवं सातवे वेतनमान के दिनांक 01/ 01/2016 से 31/03/2018 तक के 27 माह के एरियर्स के भुगतान किया जाय।
3. वर्तमान समय में दोनो राज्यों के पेंशनर्स को 12प्रतिशत महंगाई राहत प्राप्त हो रहे है जब की केंद्र शासन ने 31प्रतिशत महंगाई राहत स्वीकृत किया है।दोनो राज्य के पेंशनर्स को केंद्र के समान 31 प्रतिशत महंगाई राहत स्वीकृत किया जाय।
4. वर्ष 80 के दशक से बीमार पेंशनर्स को निशुल्क औषधि हेतु दिए जाते रहे बजट आवंटन को बंद कराया गया जिस से हजारों पेंशनर्स के असमायिक निधन हुआ।तत्कालीन सरकार द्वारा अप्रैल 20से प्रारम्भ किए जाने वाला मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ वीसा जिसका लाभ पेंशनर्स को भी मिलने वाले पर रोक लगाया जिस को तत्काल प्रारंभ कराएं तथा जबतक स्वास्थ्य बीमा प्रारंभ नही करते तब तक पेंशनर्स को निशुल्क चिकत्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु बजट आवंटन दिया जावे।
दोनो प्रदेश के सरकार पेंशनर्स को दोयम नागरिक का दर्जा देकर पेंशनर्स के अधिकार का हनन किया है जिस से अपने अधिकार पाने हेतु पेंशनर्स गांधीवादी तरीके से आर पार के लड़ाई के मूड में है। हमारे आगामी रणनीति किस प्रकार कैसे होना यह महा अधिवेशन तय करेंगे। अतः दोनो प्रदेश के समस्त पेंशनर्स से आग्रह है की इस महाअधिवेशन में अपने गरिमामई उपस्थिति दर्ज कर पेंशनर्स एकता का परिचय देवें।


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