सिवनी। विकासखंड केवलारी क्षेत्र में घुरनाटोला गांव में 10 साल के एक बालक को अपना शिकार बनाने वाले व बच्चों के एक साथी को तेंदुए द्वारा घायल कर दिए जाने से आक्रोशित ग्रामवासियों ने तेंदुए को घेरकर लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला। वही ग्रामीणों ने तेंदुए की लाश में आग भी लगा दी।
इस घटना के बाद वन विकास निगम ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया है। सोमवार को गांव घुरनाटोला निवासी नरेश करते के 10 साल के बेटे रमन को तेंदुए ने अपना शिकार बना लिया था और उस बालक के एक हाथ एक पैर को खा लिया था। बालक की मौत और बालक के एक साथी के घायल होने गांव में दहशत का भी माहौल बन गया था। वही घटनास्थल के आसपास बड़ी संख्या में ग्रामवासी लाठी के साथ पहुंच गए थे। वही आक्रोशित ग्रामवासियों को समझाने पहुंची पुलिस कर्मियों के साथ भी ग्रामवासियों ने हाथापाई की तथा वनरक्षक के साथ पिटाई किए जाने का भी मामला सामने आया है। हालांकि इस मामले की अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है।
ग्रामवासियों का गुस्सा इतना ज्यादा था कि वन और पुलिस का अमला वहां बेबस नजर आ रहा था। ज्ञात हो कि उगली क्षेत्र में इस साल तेंदुए से हुए हमले की घटनाओं में 3 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। जिसके चलते गांव में जिसके चलते गांव ग्रामवासियों में दहशत का माहौल बना हुआ था।
सुबह करीब 8 बजे से शुरू हुआ ग्रामीणों का हंगामा दोपहर करीब 4 बजे तक चलता रहा है। इस दौरान वन अमले द्वारा तेंदुए को सुरक्षित बचाने के प्रयास किए गए।लेकिन हजारों की संख्या में ग्रामीणों को मौके पर एकत्रित होने के कारण पुलिस प्रशासन व वन विभाग का अमला बेबस नजर आया। झाड़ियों में छिपे तेंदुए को घेर कर खड़ी हजारों की भीड़ ने वन अमले को मौके पर जाने से रोक दिया।तनावपूर्ण माहौल में किसी तरह मृत बच्चे का शव पंचनामा कार्रवाई कर पीएम के लिए भेजा गया।इस दौरान मंडल प्रबंधक व वन अमले से भी झूमाझपटी व धक्का-मुक्की भी की गई।बच्चे के शव से करीब 400 मीटर दूर झाड़ियों में छिपे तेंदुए को कई घंटे तक 3 से 4 हजार ग्रामीणों ने घेरे रखा।बाद में इसी क्षेत्र में ग्रामीणों ने आग लगा दी और तेंदुए को मार दिया…मार दिया… कहते हुए वापस लौट गई। हालाकि देर शाम तक तेंदुए का शव वन अमले को मौके पर नहीं मिला। बच्चे के शव का पंचनामा बनाकर वन अमला भी मौके से वापस लौट गया। इसके चलते तेंदुए की मौत की अधिकारिक पुष्टि देर रात तक नहीं हो सकी।
संबंध में केवलारी के प्रभारी रेंजर एसके वनवाले ने बताया कि भीड़ ने वन अमले को मौके पर जाने से रोक दिया, अभी तक तेंदुए का शव नहीं मिला है। तेंदुए को मारकर जलाने की बात कही जा रही है, शव मिलने के बाद इसकी पुष्टि हो सकेगी।
वन विकास निगम बरघाट प्रोजेक्ट के केवलारी वन परिक्षेत्र के मोहगांव बीट के घोरलाटोला(पांड़ीवाडा) गांव में जंगल लगी सड़क पर 22 नवंबर सोमवार की सुबह 10 वर्षीय बालक रमन पुत्र नरेश परते अन्य चार बच्चों के साथ दौड़ लगाने सकरी की ओर गया था। इसी दौरान रमन परते को तेंदुए ने हमला कर दबोच लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। अन्य बच्चे किसी तरह जान बचाकर वहां से भागे और वापस घर पहुंचकर परिवार व ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी। तेंदुए के हमले की खबर सुनते ही आक्रोशित ग्रामीण मौके पर पहुंच गए जंगल में शव के पास मौजूद हमलावर तेंदुए को घेर लिया। सूचना पर वन कर्मी भी मौके पर पहुंच गए। भीड़ को देख झाड़ियों में छिपने भागे तेंदुए ने एक अन्य ग्रामीण दिनेश देशमुख (50) पांडीवाड़ा गांव निवासी पर हमला कर उसे जख्मी कर दिया है।
#0@ तीन महिलाओं की हो चुकी मौत – क्षेत्र में तेंदुए के हमले में तीन महिलाओं की मौत पहले ही हो चुकी है।वहीं आए दिन तेंदुए व बाघ के हमले में पालतु मवेशियों की मौत होने से ग्रामीण में दहशत व भय का माहौल बना हुआ है।रतनपुर-मोहगांव क्षेत्र में जंगल में तीन महिलाओं की मौत बीते दो माह में हो चुकी है। 19 अक्टूबर को मोहगांव में अन्य 4 महिलाओं के साथ धान की फसल काट रही गजराबाई पति उदल पंचेश्वर (48) पर आदमखोर तेंदुए ने हमला कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई थी। 16 अक्टूबर को दक्षिण सामान्य वनमंडल के कान्हीवाड़ा वन परिक्षेत्र के पांडीवाड़ा गांव से लगे जंगल में पिता के साथ मवेशी चराने गई 17 वर्षीय किशोरी रवीना यादव की तेंदुए ने हमला किया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। 15 सितंबर को वन विकास निगम की मोहगांव बीट में 15 जलाऊ लकड़ी बीनने गई बैगा जाति की आदिवासी महिला रंजीता पति स्व. मोहबत सिंह दास (50) की तेंदुए के हमले में मौत हो गई है। जबकि साथ गई अन्य दो महिलाएं व एक पुरूष मौके से भाग निकले थे।
#0@ तेंदुए को छोड़ा गया भोपाल – महिलाओं की मौत के बाद अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में मोहगांव रतनपुर के जंगल में लगाए गए पिजरों में एक के बाद एक दो तेंदुए कैद हुए थे। 29 अक्टूबर शुक्रवार को पकड़े गए तेंदुए को वन विहार भोपाल में छोड़ा जा चुका है। जबकि 31 अक्टूबर की रात पिंजरे में कैद हुए तेंदुआ को सतना स्थित मुकुंदपुर जू भेजा गया है। तीन दिनों के अंतराल में वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरों में दो तेंदुए कैद होने के बाद क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली थी। अनुमान लगाया जा रहा था कि आदमखोर तेंदुए का क्षेत्र से सफाया हो गया है, लेकिन 22 नवंबर सोमवार को एक बार फिर तेंदुए ने गांव से लगी जंगल की सड़क पर घूमने गए 10 वर्षीय मासूम बच्चे को अपना शिकार बना लिया, जिसके बाद ग्रामीणों ने अपना आपा खो दिया था।
इस मामले में वीसी मेश्राम, मंडल प्रबंधक वन विकास निगम बरघाट प्रोजेक्ट सिवनी ने बताया कि तेंदुए के हमले में एक 10 वर्षीय बालक की मौत हो गई है। जबकि एक अन्य ग्रामीण घायल है, जिसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आक्रोशित ग्रामीणों को समझाइश देकर शांत कराने का प्रयास वन अमले द्वारा मौके पर किया जा रहा है।
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