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19 Dec 2025, Fri

घंसौर के एकलव्य विद्यालय के कर्मचारियों पर अभी तक नहीं हुई कार्रवाई

अनदेखी जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितता मिली, लोकायुक्त के पास पहुंची शिकायत, शिकायतकर्ता ने दर्ज कराए अपने कथन

सिवनी। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय घंसौर में जेम पोर्टल से वस्तुओं व सेवाओं की निविदा में निर्देशों का पालन ना करते हुए लाखों रुपये का भुगतान करने के साथ ही गंभीर वित्तीय अनियमितता जांच में पाई गई थी। इतना हो नहीं जांच में वरिष्ठ कार्यालय के आदेशों की अव्हेलना व गंभीर वित्तीय अनियमतिता के मामले में पूर्व प्राचार्य विष्णु स्वामी, लेखापाल कीर्ति सिहाग तथा जेएसए अमन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा करते हुए जनजातीय कार्य विभाग के जांच दल ने प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रेषित किया था। इसके बावजूद अब तक संबंधितों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारियों की माने तो एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय घंसौर में कार्यरत सभी कर्मचारी केंद्र सरकार के आधीन है, जिस पर कार्रवाई करने का अधिकार विभाग को नहीं है। ऐसी स्थिति में कार्रवाई संबंधी प्रस्ताव बनाकर भोपाल कमिश्नर के माध्यम से केंद्रीय मंत्रालय नईदिल्ली को भेजा जा चुका है, जहां से कार्रवाई होना बाकी हैं। वहीं विद्यालय में हुई गंभीर वित्तीय अनियमितता के मामले में संबंधितों पर कार्रवाई नहीं होने पर घंसौर निवासी रवि अग्रवाल ने 28 अक्टूबर को कलेक्टर शीतला पटले से इस मामले में जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है। वहीं गंभीर वित्तीय अनियमितता के जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं होने के प्रकरण एक अन्य शिकायत पत्र लोकायुक्त जबलपुर को भी भेजा गया है। लोकायुक्त जबलपुर ने इसे जांच में लेकर शिकायतकर्ता रवि-अग्रवाल के कथन भी दर्ज कर लिये हैं, जिसमें आगे की जांच जारी है।-

पूर्व प्राचार्य ने स्वयं की थी शिकायत – खास बात यह है कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय घंसौर के पूर्व प्राचार्य विष्णु स्वामी ने स्वयं लेखापाल कीर्ति सिहाग व जेएसए अमन द्वारा पद तथा अधिकार का दुरूपयोग कर मनमाने तरीके से व्यक्तिगत हित के लिए शासकीय अभिलेखों छेड़खानी करने संबंधी शिकायत 23 अप्रैल 2025 को जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त को प्रेषित की थी। इस पर तत्कालीन सहायक आयुक्त ने क्षेत्र संयोजक पूजा उइके की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय दल गठित कर, विद्यालय में उपलब्ध दस्तावेजों की जांच व रोकड़ पंजी का परीक्षण कराया था, जिसमें कई त्रुटियां व अनियमितताएं पाई कार्रवाई नहीं होने तथा विभिन्न बिन्दुओं पर, पृथक से जांच करने की मांग करते हुए शिकायतकर्ता रवि अग्रवाल ने जनसुनवाई में कलेक्टर को शिकायत दी है।

जांच में सामने आई थी मनमानी – घंसौर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में बड़े स्तर पर हुई। मामले में प्राचार्य विष्णु स्वामी के अलावा लेखापाल व जेएसए पर अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की गई थी। लेकिन वर्तमान में तीनों कर्मचारी विद्यालय में कार्यरत हैं। जानकारी के अनुसार विष्णु स्वामी वर्तमान में व्याख्या के रूप में विद्यालय सेवाएं दे रहे हैं। वहीं लेखापाल व जेएसए को भी उनके पद से नहीं हटाया गया है। शिकायत में कहा गया है कि पूर्व में पांच बिंदुओं पर जांच की गई थी। इसमें सामग्री खरीदी में गड़बड़ी पाई गई थी। प्राचार्य ने देयक पारित ही नहीं किए गए इसके बावजूद भी भुगतान संबंधितों को कर दिया गया। बाउचर क्रमांक 168 में करीब 10 लाख रुपये की गड़बड़ी की गई। कान्हीवाड़ा के राज एंड संस की जेम पोर्टल से क्रय आदेश जारी किया गया। इसके तहत यूनिफार्म प्रदान की गई। इसमें यूनिफार्म का वितरण नहीं है। देयक के सामग्री विवरण में शर्ट प्री-स्कूल यूनिफार्म (5-6 वर्ष) 461 नग खरीदी का भुगतान दस लाख रुपये किया गया है। जबकि संस्था में पांच से छह वर्ष के बच्चे अध्ययन नहीं करते।

विद्यालय समिति का नहीं किया गठन – जांच प्रतिवेदन में पाया गया कि जेम पोर्टल से वस्तु एवं सेवाओं की निविदा में निर्देशों का पालन नहीं किया गया। एकलव्य विद्यालय द्वारा समिति गठित नहीं की गई और जिला अधिकारी द्वारा अनुमोदन नहीं किया गया। सामग्री सीधे स्थानीय क्रेता से सीधे क्रय की गई, भंडार क्रय नियमि का पालन नहीं किया गया। पूर्व प्राचार्य आरके धमनिया के कार्यकाल में सामग्री क्रय की – गई जबकि देयक में प्रमाणीकरण व सत्यापन नहीं किया गया। प्राचार्य विष्णु स्वामी द्वारा देयकों को पारित कर आहरण किया गया। जांच में छब्बीलाल साहू टूर एवं ट्रेवल्स को भ्रमण के नाम पर 1.23 लाख – रुपये का भुगतान किया गया लेकिन में वाहन क्रमांक व कितने किसी चला यह दर्ज नहीं है। फर्नीचर, वाटर कुलर व फ्रिज देयकों आदि खरीदी में भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया। किताब खरीदी में भी गड़बड़ी की गई है। घंसौर के एक बुक डिपो से 342492 रुपये की प्रतियोगिता. परीक्षा एवं अन्य बुकों को क्रय किया गया। लायब्रेरी प्रभारी द्वारा देयकों का स्टाक पंजी में दर्ज व भौतिक सत्यापन नहीं किया गया।

शिकायत में आरोप है कि बिना निविदा 18 लाख रुपये की खरीदी की गई है। स्कूल में विभिन्न मदों का पैसा दूसरे मद में खर्च किया गया है। छात्र भ्रमण के लिए आवंटित राशि का दुरुपयोग किया गया है। मेस संचालित करने वाले ठेकेदार को मनमाना भुगतान किया गया है। जेईई व नीट कोचिंग की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है।’ * विद्यालय में अनावश्यक सीसीटीवी कैमरे खरीदे गए हैं।

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय घंसौर के पूर्व प्राचार्य की शिकायत के आधार पर नियमों के विपरीत किए गए भुगतान व वित्तीय अनियमितता के संबंध में जांच कराई गई थी। जांच प्रतिवेदन के – आधार पर कलेक्टर के माध्यम से संबंधितों -“के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार कर भोपाल तथा दिल्ली को भेजा जा चुका है। चूंकि विद्यालय के कर्मचारी केंद्र सरकार के आधीन है इसलिए इन पर कार्रवाई का अधिकार हमारे पास नहीं है। दिल्ली से इस मामले में कार्रवाई होना हैं। लालजीराम मीणा, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग, सिवनी।

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