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19 Dec 2025, Fri

पूजापाठ, हवन से दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं : पं. दिनेश मिश्रा

सिवनी। नगर के कबीर वार्ड डूंडासिवनी केंद्रीय विद्यालय के समीप साईं नगर दिलबाग नगर में क्षेत्र की समस्त महिला मंडल द्वारा पिछले सात दिनों से चल रही श्रीमद् भागवत कथा का शुक्रवार को हवन और भंडारे के साथ विधिवत समापन किया गया। कथा के अंतिम दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से हवन में आहुति डालकर पुण्य अर्जित किया।

इस अवसर पर कथा व्यास पं. दिनेश मिश्रा के बड़े भाई रमेश मिश्रा ने महिलाओं द्वारा कराए गए श्रीमद्भागवत कथा पर सभी का आभार व्यक्त किया। लता दुबे, कांता कटरे, भावना ठाकुर, वर्षा रहांगडाले, रेशमा रहांगडाले, अंजू कटरे, मंजू रहांगडाले, संगीता पटले, गंगा सनोडिया, लाची, प्रार्थना, ललिता मिश्रा,  सुनीता मिश्रा, दिलीप दुबे, कुलदीप दुबे, विजय पटले, सुरेंद्र ठाकरे, देवेंद्र रहांगडाले लोकेश कटरे सानू कटरे सुदीप दुबे, सोनू, मोनू पटले, राजू कटरे, आकाश शर्मा, निहाल मिश्रा, तनिष्क दुबे सहित अन्य कॉलोनी के निवासियों का भी आभार माना।
कथा व्यास पं. दिनेश मिश्रा ने बताया कि हवन से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। कथा समापन पर विधिविधान से पूजा करवाई। दोपहर तक हवन और भंडारा कराया गया। शहर से आए श्रद्धालुओं ने भी हवन में आहुति डाली। पूजन के बाद दोपहर को भंडारा लगाकर प्रसाद बांटा गया।

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