सिवनी। नगर के कबीर वार्ड डूंडासिवनी केंद्रीय विद्यालय के समीप साईं नगर दिलबाग नगर में क्षेत्र की समस्त महिला मंडल द्वारा संयुक्त रूप से कराई जा रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन गुरुवार को कथा व्यास पं. दिनेश मिश्रा ने श्रद्धालुजनों से भगवान श्रीकृष्ण के परम सखा सुदामा चरित्र, महर्षि शुकदेव जी की विदाई तथा व्यासजी पूजन के प्रसंगों का वर्णन किया गया।
कथा व्यास श्री मिश्रा ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे गरीब ब्राह्मण प्रशांत आत्मा सुदामा की एक मुट्ठी चिवड़े की भेंट को भगवान श्रीकृष्ण ने अमूल्य प्रेम के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने ठाकुरजी के वचन “सखा! तेरी भेंट मेरे लिए अमृत समान है” का उल्लेख किया। इसके बाद शुकदेव जी की विदाई का प्रसंग सुनाया गया, जिसमें बताया गया कि परम वैरागी शुकदेव ने सात दिन में भागवत अमृत का उपदेश देकर राजा परीक्षित का उद्धार किया था।
उन्होंने आगे कहा कि समाज का एक भी व्यक्ति यदि अच्छे स्थान पर पहुंचता है, तो वह अन्य लोगों को भी आगे बढ़ाता है। उन्होंने जोर दिया कि सच्चे प्रेम में ऊंच-नीच या अमीरी-गरीबी नहीं देखी जाती।
कथा के अंत में व्यासजी पूजन और कथा-यज्ञ की पूर्णाहुति की गई। व्यासपीठ पर पुष्पांजलि, दुग्धाभिषेक और मंत्रोच्चार के साथ धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए। श्री मिश्रा जी ने इस अवसर पर कहा कि सुदामा चरित्र यह सिखाता है कि भक्ति में अभाव नहीं, केवल भाव चाहिए। उन्होंने शुकदेव विदाई को वैराग्य की चरम अभिव्यक्ति और व्यास पूजन को गुरु-कृतज्ञता का प्रतीक बताया। गुरुवार को कथा विश्राम के बाद शुक्रवार को सुबह 11 बजे से हवन, पूजन व दोपहर 2 बजे से भंडारा प्रसाद वितरण किया जाएगा।





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