सिवनी। शासकीय स्नातकोत्तर महविदयालय सिवनी के वनस्पतिशास्त्र विभाग द्वारा “सूक्ष्मजीवों के अनोखे संसार में छिपी आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की सम्भावनाएँ” विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। इस सन्दर्भ में वक्ता के रूप में प्रोफेसर सीमा भास्कर ने बताया कि, सूक्ष्मजीव किस प्रकार से मानव हित में कार्य करते है तथा यह भी बताया कि स्थानीय स्तर पर फर्मेंटेशन पर आधारित उद्योग जैसे- एल्कोहल, बेकरी, बायोफर्टिलाइजर, जैवप्रोटीन, बायोपेस्टीसाइड का व्यापारिक उत्पादन किस प्रकार किया जा सकता है। आपने सूक्ष्मजीवों से प्राप्त होने वाले उत्पाद जैसे– मृत कार्बनिक पदार्थो के जैव चक्रीकरण, बोटूलिन जैसे घातक टोक्सिन, बायोटेरेरिज्म तथा बायोटॉयलेट को विस्तृत रूप से समझाया।

प्राचार्य डॉ. सतीश चिले ने आभार व्यक्त करते उल्लेख किया कि, सूक्ष्मजीव जीवनपर्यंत मानव के साथ सह-सम्बंधित रहते हैं, आपने सूक्ष्मजीवों के इतिहास से लेकर उनकी उपयोगिताओं की सूक्ष्मता से समझाया, आपने बताया कि सूक्ष्मजीव किस प्रकार से कपडे धुलने से लेकर, जीवन उपयोगी ओषधियाँ, एंजाइम, विटामिन प्रोटीन, स्टेराइड, बायोफर्टिलाइजर, जैवप्रोटीन, बायोपेस्टीसाइड, के रूपमें उपयोगी हैं तथा इन क्षेत्रों से सम्बंधित लघु उधोग लगाए जा सकते हैं।
इस दौरान महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक डॉ श्रीमती संध्या श्रीवास्तव, प्रो. सी एस. तिवारी, प्रो. प्रतिभा गुप्ता, प्रो. वही.वही.मिश्रा, प्रो. मंजू सराफ, प्रो. अरविन्द चौरसिया, प्रो. ज्योत्सना नावकर, प्रो. डी.पी. नामदेव, प्रो. एस के कौशल, प्रो. डी.पी. ग्वाल्वान्शी, डॉ मुन्नालाल चौधरी, प्रो. के. के. बरमैया प्रो. दिलीप हनवत, कर्मचारी, विधार्थी तथा जिले तथा अन्य जिलों के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक ऑनलाइन गूगल मीट पर उपस्थित रहे।


