सिवनी। ग्रामवासियों के विरोध पर हिर्री नदी के चिमनाखारी-ताखलाखुर्द खदान के बरबटी घाट में मोटर बोट लगाकर किए जा रहे रेत उत्खनन के खिलाफ सोमवार को की गई कार्रवाई के अगले दिन रेत खदानों का ठेका लेने वाली कंपनी जय महाकाल ने उत्खनन में अपना हाथ होने से इंकार किया है। मंगलवार को जय महाकाल कंपनी ने कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग व पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक को पत्र सौंपा है। पत्र में जय महाकाल कंपनी ने लिखा है कि बरबटी घाट पर हमारे द्वारा उत्खनन नहीं किया जा रहा था। जो भी उत्खनन कर रहा था उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। मौके पर मौजूद सारा सामान जब्त कर राजसात कर लिया जाए। पत्र में यह भी कहा गया है कि जो भी लोग जय महाकाल के नाम से अवैध उत्खनन कर रेत चोरी कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। कंपनी का यह भी कहना है कि जिले की बंद खदानों तथा नदी नालों से स्थानीय लोगों द्वारा जगह-जगह अवैध उत्खनन किया जा रहा है, जिससे कंपनी को आर्थिक नुकसान हो रहा है और छवि भी खराब हो रही है।
केवल मोटर बोट ही जब्त – चिमनाखारी के सरपंच पति ओंकार पटले व ग्रामीणों ने बरबटी घाट में एक महीने से मोटर बोट लगाकर नियम विरूद्ध उत्खनन किए जाने के आरोप लगाए थे। बरघाट विधानसभा से पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे नरेश वरकड़े का भी कहना है कि बरबटी घाट पर एक महीने से अवैध तरीके से उत्खनन किया जा रहा था। मौके पर केवल मोटर बोट ही जब्त की गई, जबकि पोकलेन मशीन, डंपर आदि सामान को जब्त नहीं किया गया। खनिज विभाग की मिलीभगत से अवैध उत्खनन का खेल चल रहा है। चिमनाखारी-ताखलाखुर्द खदान के बरबटी घाट में किए जा रहे रेत उत्खनन में बरघाट निवासी एक व्यक्ति का नाम भी सामने आ रहा है, जो पूर्व से ही रेत के कारोबार से जुड़ा बताया जा रहा है।

