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15 Oct 2025, Wed

मिलावटी खांसी की दवा, दोषियों के विरुद्ध कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई करने सौंपा ज्ञापन

सिवनी। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जिला ईकाई सिवनी द्वारा विगत दिनो छिंदवाड़ा जिले में मिलावटी खांसी की दवा पीने से लगभग 20 मासूम बच्चों की हुई दर्दनाक मृत्यु के संबंध में – दोषियों के विरुद्ध कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई करने तथा पीड़ित परिवारों के समुचित मुआवजे तथा राज्य में औषधि नियंत्रण प्रणाली के पुनर्गठन करने हेतु माननीय मुख्‍यमंत्री म.प्र.शासन को सौपा ज्ञापन-

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जिला ईकाई सिवनी इस गंभीर जन-विपदा को देखते हुए माननीय मुख्यमंत्री महोदय से निम्नलिखित माँगें करती है-

  1. दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई
  2. दोषी औषधि निर्माता कंपनी, वितरक, चिकित्सक, एवं संबंधित औषधि निरीक्षकों के विरुद्ध हत्या के समान गंभीर आपराधिक प्रकरण (IPC की धारा 302/304, NDPS, Drugs & Cosmetics Act, 1940 की धाराओ) के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए।
  3. घटना की CBI या विशेष SIT जाँच कराई जाए] ताकि राजनीतिक या प्रशासनिक प्रभाव से मुक्त निष्पक्ष जांच हो सके।
    ॥. पीड़ित परिवारों को त्वरित सहायता
  4. मृत बच्चों के परिजनों को कम से कम ₹25 लाख की आर्थिक सहायता] तथा स्थायी पुनर्वास एवं निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाए।
  5. जिन बच्चों को इस दवा के सेवन से गंभीर अग-क्षति या विकलांगता हुई है] उन्हें आजन्म निःशुल्क चिकित्सा एवं पोषण सहायता उपलब्ध कराई जाए।

III. औषधि नियंत्रण तंत्र का पुनर्गठन

  1. राज्य के सभी औषधि निरीक्षकों की जिम्मेदारी तय कर उन्हें Accountability Framework में लाया जाए।
  2. सभी औषधि विक्रेताओं थोक विक्रेताओं और क्लीनिकों की Digital Monitoring System द्वारा निगरानी हो] जिससे किसी भी बैच की गुणवत्ता तुरत सत्यापित की जा सके।
  3. प्रत्येक जिले में स्वतंत्र औषधि परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जाए।

IV. पारदर्शिता और जन-जागरूकता

  1. घटना की संपूर्ण जाँच रिपोर्ट सार्वजनिक की आए] जिसमे मृत्यु सख्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट] रिपोर्ट और प्रशासनिक कार्रवाई का विवरण हो।
  2. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षित दवा जनजागरण अभियान चलाया जाए] ताकि आम जनता मिलावटी या नकली दवाओं की पहचान कर सके और शिकायत कर सके।
  3. हमारी सामूहिक मांग-
    I. हम अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत] जिला-मानते हैं कि बच्चों की मृत्यु मात्र एक चिकित्सा दुर्घटना नहीं] बल्कि प्रशासनिक दायित्वहीनता और औषधि निरीक्षण प्रणाली की घोर असफलता है।

II.ऐसी त्रासदी यदि दडित नहीं की गई] तो यह समाज में विश्वास का हास और शासन की नैतिक जिम्मेदारी पर प्रश्रचिद्ध बन जाएगी।
अतः हमारी स्पष्ट माँग है कि-
1) इस प्रकरण की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच (Hon’ble Retired High Court Judge द्वारा) कराई जाए।
2) दोषियों को शीघ्रतम समय में न्यायिक दंड दिया जाए।
3) प्रदेश के प्रत्येक जिले में औषधि परीक्षण एवं निरीक्षण रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर अनिवार्य रूप से प्रकाशित की जाए।

  1. निष्कर्ष
    महोदय यह घटना केवल छिंदवाड़ा या मध्यप्रदेश की नहीं यह मानवता की सामूहिक विफलता है।
    हम आपसे आग्रह करते हैं कि इस घटना को एक उदाहरण के रूप में लेते हुए] राज्य में औषधि गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली का पूर्ण पुनर्गठन] सशक्त निगरानी एवं नागरिक सुरक्षा-केंद्रित नीति सुधार लागू करें।
    यह ज्ञापन न केवल न्याय की माँग है] बल्कि उन सभी माँ-बाप की चीखों की आवाज है जिनके बच्चों ने इस मिलावटी दवा से अपने प्राण गंवाए।
    आपने अपेक्षा है कि शासन यथाशीघ्र कठोर एवं धारदर्शी कार्यवाई करेगा और इस सदी की पुनरावृति कभी नहीं होने देगा।

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