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नेशनल लोक अदालत 12 को

सिवनी। नेशनल लोक अदालत का आयोजन 12 दिसम्बर  को होगा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिवनी श्री चंद्रकिशोर बारपेटे द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि  राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिविसेप्रा श्री पवन कुमार शर्मा  के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय सिवनी एवं तहसील न्यायालय लखनादौन एवं घंसौर में शनिवार 12 दिसंबर 2020 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। इस नेशनल लोक अदालत में पूर्ववाद प्रकरणों के अंतर्गत धारा 138 एन.आई. एक्ट, बैंक रिकवरी, श्रम विवाद, विद्युत एवं जल कर (गैर समझौता योग्य प्रकरणों के बाहर के) एवं अन्य समझौतें योग्य आपराधिक, पारिवारिक तथा सिविल प्रकृति के प्रकरण एवं न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के अंतर्गत समझौते योग्य आपराधिक प्रकरण धारा 138 एन.आई. एक्ट, बैंक रिकवरी केस, मो.दु.क्ष.दा.प्रकरण, श्रम विवाद, विद्युत प्रकरण, वैवाहिक विवाद प्रकरण, भू-अर्जन विवाद प्रकरण, सर्विस मैटर्स, रेवेन्यू प्रकरण (जो केवल जिला न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में लंबित हैं) एवं अन्य सिविल प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा। प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला न्यायालय सिवनी सहित तहसील न्यायालय लखनादौन एवं घंसौर में खण्डपीठों का गठन किया गया है जिसके संबंध में आज मोटर दुर्घटना दावा संबंधित प्रकरणों में समझौते किये जाने हेतु प्रीसिंटिग बैठक का आयोजन किया गया जिसमें बीमा कंपनी के अधिवक्ता एवं पीड़ित पक्षकारों के अधिवक्ता सम्मिलित हुए और अधिक से अधिक मोटर दुर्घटना दावा के प्रकरणों में समझौता किये जाने के प्रयास किये जा रहे है।

नेशनल लोक अदालत में विद्युत प्रकरणों में उपभोक्ताओं को मिलेगी छूट – राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार आगामी नेशनल लोक अदालत 12 दिसम्बर (शनिवार) को आयोजित की जाएगी। जिसमें विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126, 135 एवं 138 के अंतर्गत प्रकरणों में कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्वों पर निर्धारित समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलो वाट तक के गैरघरेलू एवं 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक, निम्नदाब श्रेणी उपभोक्ताओं को छूट प्रदान की जाएगी।
प्री-लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत एवं भुगतान चूक किये जाने पर निर्धारित आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त हो जाने के पश्चात प्रत्येक छ:माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज पर 100 प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी।
  लिटिगेशन स्तर पर आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिशत एवं 30 दिवस की अवधि समाप्त हो जाने पर प्रत्येक छ:माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज पर 100 प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी।

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