सिवनी। इन दिनों पेंच राष्ट्रीय पार्क में पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, वही पेंच पार्क में 5 साल में 38 से बढ़कर 64 बाघों की संख्या होने से अब यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को बाघों के दीदार भी आसानी से हो जाते हैं।

हाल ही में पेच पार्क पहुंचे मोहित शर्मा पत्नी डॉ कल्पना शर्मा, लोकेश माहेश्वरी, नेहा माहेश्वरी, चंचलेश साहू, रीना साहू, सादिक अली मीर, इशरत आदि ने बताया कि छिंदवाड़ा, सिवनी जिले समेत नागपुर (महाराष्ट्र) कि सीमा क्षेत्र से लगे पेच पार्क में घूमने का अपना ही एक अलग आनंद है। यहां उन्हें बाघ के दीदार भी हुए। पेंच राष्ट्रीय राष्ट्रीय टाइगर में 5 वर्षों में बाघों की संख्या 38 से बढ़कर 64 हो गई है।

इसी के साथ बाघों की बढ़ती संख्या के मामले में पेच ने देश भर में अपना परचम फहराया है। पेच में बायसन की संख्या भी लगभग दो गुना बढ़ी है। वर्ष 2016 में 1181 बायसन थे, जो 2020 में 2360 हो गए। वही लंगूर, नीलगाय, सांभर और जंगली सूअरों की संख्या कम हुई है। वार्षिक गणना के आंकड़ों के मुताबिक बीच में 2016 में 56925 लंगूर थे।पेच का दायरा लगभग 1176.63 वर्ग किलोमीटर में फैला है। कोर एरिया 411.33 किलोमीटर तथा बफर एरिया 768.30 वर्ग किलोमीटर है। 5 साल पहले करीब ढाई सौ वर्ग किलोमीटर का बफर एरिया बढ़ाया गया है। इस मामले में क्षेत्र संचालक पेच टाइगर रिजर्व विक्रम सिंह परिहार ने बताया कि पेंच में बाघों की संख्या बढ़ रही है। गणना के अनुसार आंकड़े सामने आ रहे हैं, वहीं देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और बाघों के दीदार पर्यटकों को होते हैं।



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