https://youtu.be/3RJ_sq8vmtY
https://youtu.be/RPJVG88wuh8
कुरई अनुविभाग का राजस्व अमला बना अंजान, अधिकारी एक दूसरे पर थोप रहे जिम्मेदारी
सिवनी। पर्यावरण संरक्षण का दावा करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर्यावरण को बचाने में निष्कि्य नजर आ रही है। पेंच टाइगर रिजर्व से लगे राजस्व और बफर क्षेत्र की नदी-नालों से स्थानीय रेत कारोबारी चाेरी छिपे धडल्ले से अवैध रेत खनन कर रहे हैं। इसके बावजूद कुरई अनुविभाग का राजस्व अमला अंजान बना हुआ है।वहीं वन अधिकारियों का कहना है कि, जंगल के आसपास अवैध खनन होना संभव नहीं है। यदि राजस्व क्षेत्र में रेत या मुरम निकाली जा रही है, तो इस पर कार्रवाई की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की बनती है।
जानकारी के मुताबिक नालों से हो रहे रेत के अवैध उत्खनन को लेकर स्थानीय रेत कारोबारियों व ग्रामीणाें के बीच टक्कराव की स्थिति आए दिन बन रही है। वहीं कुछ लोगों द्वारा इस टकराव को पंचायत चुनाव में मिली हार-जीत का नतीजा कहा जा रहा है। क्षेत्र में नाले से रेत के अवैध उत्खनन किए जाने का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो चार दिन पुराना बफर क्षेत्र से लगे सतोषा गांव के राजस्व क्षेत्र के नाले का बताया जा रहा है। वीडियो में नाले से रेत निकाल रहे कुछ लोगों को ग्रामीणों द्वारा मौके पर रेत का अवैध खनन करने से रोकने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।इसको लेकर ग्रामीणों की स्थानीय रेत कारोबारियों के बीच कहासुनी हो रही है।हालाकि राजस्व व खनिज विभाग के अधिकारी अवैध रेत खनन से इंकार करते हुए अलग-अलग तर्क देकर अपना बचाव करते नजर आ रहे हैं।
रिसोर्ट में हो रही रेत की सप्लाई – क्षेत्र के लोगाें का कहना है कि, स्थानीय ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास बनाने रेत के लिए तरसना व भटकना पड़ रहा है।वहीं क्षेत्र में सक्रिय अवैध रेत के कारोबारी खनन कर रिसोर्ट संचालकों को ट्रेक्टर ट्राली से सप्लाई की जा रही है।शिकायत के बावजूद राजस्व, खनिज और वन विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है। हैरानी की बात यह है कि, क्षेत्र में चल रहे रेत के अवैध खनन से राजस्व, वन विभाग और खनिज अमला अनजान बने हुए हैं।अवैध खनन को रोकने की बजाए विभागीय अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारियां थोप रहे हैं। अवैध खनन को रोकने की बजाए राजस्व अमला कार्रवाई के लिए खनिज विभाग को सूचना देकर अपने कर्तव्य से मुक्त हो जाता है।वहीं वन विभाग द्वारा राजस्व क्षेत्र में कार्रवाई का अधिकार नहीं होने के नियम बता रहा है। वन अधिकारियों का कहना है कि, यदि बफर क्षेत्र से रेत का अवैध उत्खनन नहीं किया गया हैै। खनिज विभाग की माने तो क्षेत्र में कहीं अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है।प्रधानमंत्री आवास व अन्य घरेलू कामों के लिए कभी कभार ग्रामीण आसपास के नालों से रेत निकाल लेते हैं।व्यवसायिक उपयोग के लिए क्षेत्र में कहीं भी रेत का अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है।
इनका कहना है – मैदानी अमले से इंटरनेट मीडिया में वायरल वीडियो की पुष्टि कराई गई है, जो प्रथम द्ष्टया सतोषा गांव के लगे राजस्व क्षेत्र का नजर आ रहा है।बफर क्षेत्र में कहीं से भी रेत का अवैध खनन नहीं किया गया है।राजस्व क्षेत्र में कार्रवाई करने का अधिकार राजस्व अथवा खनिज विभाग के पास होता है। रजनीश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी
नितिन गौड, तहसीलदार कुरई का कहना है कि टुरिया के आसपास किसी गांव में रेत के अवैध खनन को लेकर विवाद होने की सूचना आज ही हमें प्राप्त हुई है।इसकी जानकारी खनिज विभाग के अधिकारियों को दे दी गई है।खनिज विभाग मौके पर जांच करने के बाद आगे की कार्रवाई करेगा।
शिवपाल चौधरी, खनिज निरीक्षक सिवनी का कहना है कि पार्क से लगे सभी गांव जंगल से घिरे होते हैं, यहां अवैध खनन की संभावना नहीं होती। जेसीबी और डंपर से रेत का अवैध उत्खनन नहीं किया जाता है।पीएम आवास के लिए क्षेत्र के ग्रामीण रेत निकालते हैं। क्षेत्र में रेत का अवैध उत्खनन होने की जानकारी हमारे पास नहीं है।वन क्षेत्र में यदि रेत का खनन हो रहा है, तो संबंधित विभाग कार्रवाई कर सकता है।
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