सिवनी। दिनांक 04 दिसम्बर 2021/डाॅं. राहुल हरिदास फटिंग कलेक्टर सिवनी के मार्गदर्शन में ’’विश्व दिव्यांग दिवस’’ के अवसर पर सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग सिवनी एवं जिला शिक्षा केन्द्र सिवनी के संयुक्त तत्वाधन में दिव्यांगजनों (अस्थिबाधित, श्रवणबाधित, दृष्टिबाधित, मानसिकबाधित) की खेलकूद प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 03 दिसम्बर 2021 को मिशन स्कूल ग्राऊंड सिवनी में किया गया था।

उपसंचालक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण सिवनी वीरेश सिंह बघेल ने बताया कि दिव्यांगजनों के खेलकूद प्रतियोगिता मंे सर्वप्रथम 50 मीटर अस्थिबाधित दिव्यांगजनों की आयोजित की गई तत्पश्चात् अस्थिबाधित दिव्यांगजनों हेतु-ट्रायसायकल दौड़ (पैर से दिव्यांग शामिल होगे), दौड़ 50 मीटर (हाथ से दिव्यांग शामिल होगे), बैशाखी दौड़, ड्राईंग श्रवणबाधित दिव्यांगजनों हेतु-50 मीटर दौड़, गोला फेंक, ड्राईंग, रंगोली, मानसिकबाधित दिव्यांगजनों हेतु-बाॅल दा बकेट, कुर्सी दौड़, ड्राईंग, दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों हेतु-50 मीटर दौड़ (स्व्ॅ टप्ैप्व्छ), मटकी फोड़ प्रतियोगिता आयोजित की गई एवं अतः में सभी दिव्यांगजनों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम-गायन (एकल), वादन (हारमोनियम, बासूरी, तबला, गिटार), ड्रान्स(ग्रुप) में भी दिव्यांग जनों ने अपनी प्रतिभा दिखाई।
खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम बालक/बालिका एवं तीन वर्षवार गुप में किया गया-सबजूनियर (14 वर्ष से कम), जूनियर (14 से 18 वर्ष), एवं सीनियर (18 वर्ष से अधिक) में सम्पन्न किया गया। दिलखुश विशेष विद्यालय सिवनी द्वारा मानसिकबाधित दिव्यांगजनों द्वारा बनाई गई कलाकृतियाॅं की प्रदर्शनी लगाई थी, जिसे सभी ने सराहा। समस्त विकासखंडों से 229 दिव्यांगजनों खेलकूद प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए।
खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन में डाॅं. राहुल हरिदास फटिंग कलेक्टर सिवनी परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केन्द्र सिवनी गोपाल प्रसाद बघेल एवं अधिकारी अशासकीय संस्था के पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिसने करकमलो से खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले दिव्यांगजनों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदाय किये गये। जिन दिव्यांगजनों ने अपना स्थान नहीं बना पाये उन दिव्यांगजनों को भी सात्ववाना पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदाय किये गये जिससे उनके चहेरे खिल उठे।
जिला परियोजना समन्वय जिला शिक्षा केन्द्र सिवनी गोपाल प्रसाद बघेल द्वारा का आयोजित कार्यक्रम का सारांश बताया गया तथा कलेक्टर सिवनी द्वारा अपने सारभगित उद्बोधन में दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित किया गया एवं हरसंभव मदद् का आश्वासन दिया गया।
खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में जनजाति कार्य विभाग, जिला युवा खेल एवं कल्याण विभाग के खेल प्रशिक्षक, जिला शिक्षा केन्द्र के मोबाईल स्त्रोत सलाहकार, सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास में पदस्थ कर्मचारी, अशासकीय संस्था से आशादीप विकलांग विकास एवं कल्याण संगठन, सेन्ट फ्रांॅसिस दिलखुश मंदबुद्धि विशेष स्कूल सिवनी, दिव्य दिव्यांग समिति सिवनी, निरंजन बैंस, अध्यक्ष, आशाकिरण संस्था डूण्डासिवनी के सदस्यों तथा विभागीय कर्मचारियों की सहभागिता रही।
इन सभी कार्यक्रमों की अनुशंसा उपसंचालक
सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग
जिला-सिवनी (म.प्र.) के सानिध्य में हुआ।
हर साल 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकलांग दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दिव्यांगों के प्रति व्यवहार में बदलाव लाना। विकृति लोगों के साथ ही अन्य परिजनों को उनके अधिकार के लिए जागरूकता फैलाना। 1992 के बाद से दुनियाभर में विश्व दिव्यांग दिवस मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का एक और उद्देश्य है उनके प्रति करूणा, आत्म – सम्मान, और जीवन को बेहतर बनाने का समर्थन और सहयोग दोनों करना है
पूर्व जनपद सभापति एवं समाजसेवी राजू जैन कहते हैं कि विकलांगों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उनकी जितनी मदद हो सके, करनी चाहिए। विकलांगों की मदद करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। इसके लिए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक होना होगा। ऐसे कार्यो में बच्चों की एक अहम भूमिका है।
पीजी कॉलेज सिवनी के समस्त छात्र संगठनों से अपील
जैसा कि पूर्व मैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की शाखा मैं अपनी सेवा दे रहे मयूर सोनी के नेतृत्व में हमने देखा है कि विकलांग छात्र छात्राओं की हर संभव मदद की जाती थी आता है हर छात्र संगठन से हम निवेदन करना चाहते हैं कि दिव्यांगों की हर तरह से मदद करें क्योंकि अक्सर इन पर 95 प्रतिशत लोग राजनीति करते हैं
दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए सरकार की कई कल्याणकारी योजनाएं हैं जिससे दिव्यांग जन बेखबर होते हैं तो इस पर छात्र संगठन को अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए दिव्यांग जनों को सांप की हर योजना का लाभ दिलाएं ताकि दिव्यांग भी आत्मनिर्भरता के साथ अपनी पढ़ाई में आने वाली बाधाओं को दूर कर सके
दिव्यांग भरण पोषण अनुदान प्रदेश में दृष्टिबाधित, मूक बधिर तथा शारीरिक रूप से दिव्यांग निराश्रित ऐसे व्यक्तियों को जिनका जीवन यापन के लिए स्वयं का न तो कोई साधन है और न ही वे किसी प्रकार का ऐसा परिश्रम कर सकते हैं, जिससे उनका भरण पोषण हो सके, इस उद्देष्य से निराश्रित दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा के अर्न्तगत जीवन-यापन हेतु सरकार की कल्याणकारी योजना के अर्न्तगत निराश्रित दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान दिये जाने की योजना लागू की गयी जिसे सामान्यतया दिव्यांग पेंशन के नाम से भी जाना जाता है।
दिव्यांगजनों हेतु शिविरों/सेमिनारों का आयोजन :
दिव्यांगजनों को उनकी सुविधानुसार उनके नजदीकी क्षेत्रों में वार्षिक सत्यापन एवं पेंशन स्वीकृत किये जाने हेतु शिविरों एवं सेमिनारों का आयोजन किये जाने की व्यवस्था की जाती है। कॉलेज परिसरों में भी छात्र संगठनों को दिव्यांग जनों के लिए इस तरह का आयोजन करवाना चाहिए।

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