सिवनी। अपराधी कितना ही शातिर क्यो न हो वो पकड़ा ही जाता है ,और कितना ही चालाक और पहुँचवाला क्यो न हो दोषी हो तो दण्डित होता ही है। भारतीय न्याय व्यवस्था के अटूट विश्वास की नजीर है जिला सिवनी की न्यायालय का यह फैसला।
जिला मीडिया प्रभारी एव सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मनोज सैयाम द्वारा बताया गया कि यह गबन का मामला वर्ष 1996 का है । जनपद पंचायत के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुरेश कुमार आर्य के द्वारा एक लिखित शिकायत थाना लखनवाड़ा में की गई कि जनपद पंचायत द्वारा छिंदवाड़ा सिवनी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाखा लखनवाड़ा में 78222 रुपये की राशि निवेश की गई थी । जिसकी दिनाँक 24/12/1994 को परिपक्वता राशि 98280 रुपये हो गयी थी । उक्त परिपक्वता राशि जनपद पंचायत को प्राप्त नही हुई थी जिसकी पड़ताल करने पर यह बात उजागर हुई कि छिंदवाड़ा सिवनी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की शाखा- लखनवाड़ा के तत्कालीन प्रबंधक नरेंद्र ठाकुर के द्वारा जनपद पंचायत सिवनी के द्वारा एफडीआर – क्रमांक 010462/158 के माध्यम से निवेश कराई गई राशि की पावती रशीद में कांट छाट कर कुल 98280 /- रुपये को खुद नकद भुगतान प्राप्त किया और गबन करने के लिये सुरेंद्र सिंह के नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक फर्जी खाता खोलकर उक्त खाते में 90 हजार रुपये की रकम जमा किया और विभिन्न दिनांकों में उक्त खाते से जनपद पंचायत की उक्त राशि को निकालकर गबन किया गया है।
इस बात की शिकायत पर लखनवाड़ा थाने के द्वारा तत्कालीन प्रबधंक नरेंद्र ठाकुर के विरुद्ध गबन और फर्जी दस्तावेजों को तैयार करने के मामले के अपराध में अभियोग पत्र वर्ष 1997 प्रस्तुत किया था।
इस मामले के अधिकांश महत्वपूर्ण सरकारी गवाहों के ट्रांसफर होने एवं अन्य तकनीकी कारणों से इतनी लंबी समयावधि में सुनवाई हो सकी अनेको न्यायधीशों द्वारा इसकी सुनवाई की गई। जिसमें शासन की ओर से भी अनेक अभियोजन अधिकारियों द्वारा पैरवी की गई जिसमें तत्कालीन अभियोजन अधिकारी श्री एन0पी0 सोनी , सहायक जिला अभियोजन अधिकारी क्रमशः संदीप खांडेलकर , स्मृतिलता वरकडे , आरती कपले , शीतल सरेआम , अजय सलाम , कौशल्या इक्का एवं नवल किशोर सिंह के द्वारा विभिन्न समयावधि में पैरवी कर गवाहों और सबूतों को प्रस्तुत कराकर इस जटिल मामले का निराकरण कराया गया।
माननीय न्यायाधीश कु0 नेहा प्रजापति न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी , सिवनी की न्यायालय द्वारा अंतिम सुनवाई करते हुए न्यायालय में प्रस्तुत किए गए गवाहों और सबूतों को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी नरेंद्र ठाकुर पिता जयशंकर सिंह ठाकुर उम्र- 62 वर्ष निवासी बारापत्थर सिवनी को , धारा -409 भादवी0 में -3 वर्ष का कारावास एवं ₹1000 जुर्माना , धारा- 419भादवी0 में 6- माह का कारावास एवं ₹1000 जुर्माना, धारा -420 भादवी में 1- वर्ष का कारावास एवं ₹1000 जुर्माना, धारा- 467 भादवी0 भादवी0 में 1- वर्ष का कारावास एवं ₹500 जुर्माना , धारा- 467 भादवी0 में 1- वर्ष का कारावास, एवं धारा- 471भादवी0 में 6 माह का कारावास एवं ₹500 जुर्माने से दंडित करने का निर्णय सुनाया है।
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