सिवनी

किसान दिवस के उपलक्ष्य में विधिक सहायता शिविर का किया गया आयोजन

सिवनी।  मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिवनी पवन कुमार शर्मा के कुशल मार्गदर्शन तथा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिवनी श्री सी.के.बारपेटे के निर्देशन में जिला विधिक सहायता अधिकारी श्रीमती दीपिका ठाकुर की उपस्थिति में बुधवार 23 दिसंबर को ‘‘किसान दिवस’’ कार्यक्रम का आयोजन बरघाट तहसील के शासकीय माध्यमिक शाला लोहारा में किया गया। कृषि कल्याण तथा कृषि विकास विभाग सिवनी के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा बायोगैस संयत्र निर्माण योजना, किसान मानधन पेंशन योजना, जैविक खेती से कम लागत में अधिक लाभ कमाते हुए खेती को लाभ का धन्धा करने के उपाय, वर्मी कम्पोस्ट, स्वाइल हैल्थ कार्ड मिट्टी परीक्षण योजना से लाभ, जैविक कीटनाशी बनाने की विधि व उपयोग की जानकारी से अवगत कराया। राजस्व विभाग के मैदानी अमले द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना, रबी फसल गिरदावरी, प्रधानमंत्री फसल बीमा की विस्तृत जानकारी दी गई। श्रीमती दीपिका ठाकुर, जिला विधिक सहायता अधिकारी सिवनी द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिवनी द्वारा उपस्थित नागरिकों को संबोधित करते हुये बताया गया कि भारत में आधे से अधिक जनसंख्या गांव में निवास करती है तथा गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करती है तथा ऐसे व्यक्तियों को किसी भी प्रकार की विधिक समस्या आने पर विभिन्न कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जिससे वे न्याय पाने से वंचित रह जाते हैं किंतु विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विशेष रूप से ऐसे ग्रामीणों में निवास करने वाले नागरिकों को जो कि आर्थिक रूप से न्याय पाने में अक्षम है, को निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह उपलब कराने का कार्य करती है तथा यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति केवल अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते न्याय पाने से वंचित न रह जाये। साथ ही अधिकारी द्वारा नालसा एवं सालसा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाएं जिनमें मुख्य रूप से निःशुल्क विधिक सहायता योजना, मजिस्ट्रेट न्यायालय में निःशुल्क अधिवक्ता योजना, सक्षम विधिक सेवा योजना, मध्यस्थता योजना, मध्यप्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना, 2015 तथा नेशनल तथा मासिक रूप से आयोजित होने वाली लोक अदालतों के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। साथ ही पंच-ज कार्यक्रम के अंतर्गत बताया गया कि जन, जल, जंगल, जमीन और जानवर के संरक्षण तथा उसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सभी नागरिकों को मिलकर कार्य करना अत्यंत आवश्यक है। सभी ग्रामवासी वर्षाकाल में वृक्षारोपण को बढ़ावा देवें तथा जल संरक्षण के नए-नए तरीकों को अपनाकर जल संरक्षण का कार्य करें, जिससे पर्यावरण संरक्षण में सहयोग मिल सके तथा अच्छी खेती के लिये जैविक एवं कम्पोस्ट खाद के उपयोग को बढ़ावा दे, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति में कमी न हो। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *