सिवनी। ओबीसी वर्ग अपनी उपेक्षा से दुःखी है। ओबीसी महासभा (रजि.) इस वर्ग की सशक्त आवाज बनती जा रही है। पिछले लंबे समय से इस आवाज को शासन-प्रशासन तक पहुँचाने का प्रयास ओबीसी महासभा द्वारा किया जा रहा है किन्तु शासन के इस वर्ग के प्रति रवैया में कोई परिवर्तन नहीं आया है। अतः ओबीसी महासभा अब निर्णायक आंदोलन करने मजबूर है। अतः 21 दिसंबर से जनगणना शुरु होते तक उक्त मांग के समर्थन में ओबीसी महासभा द्वारा विभिन्न नौ चरणों में आँदोलन किया जा रहा है। प्रथम चरण आज से शुरु हो रहा है। आज से जिले के विभिन्न ग्रामों व नगर वार्डों में ओबीसी महासभा के पदाधिकारी व सदस्यों द्वारा ग्राम पंचायत सरपंच और वार्ड पार्षदों के माध्यम से क्षेत्रीय विधायक को ज्ञापन प्रेषित करेंगे। जिसमें विधायक से निवेदन किया जायेगा कि जनगणना 2021 के फॉर्मेट में ओबीसी का कॉलम बनवाने विधानसभा के इस सत्र में प्रस्ताव रखकर उसे पारित करवाकर केन्द्र सरकार तक पहुँचाया जाये ताकि संविधान में संशोधन कर जनगणना फार्मेट के कॉलम 13 में “ओबीसी के लिए 3 और अन्य के लिए 4 लिखने का विकल्प बन जाये। द्वितीय चरण : 2 से 7 जनवरी 2021 के बीच संपन्न होगा जिसमें जातीय सामाजिक संगठनों के द्वारा द्वारा राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किए जायेंगे। आंदोलन का तृतीय चरण 11 व 12 जनवरी 2021 को होगा जिसम्ं अन्य संगठनों द्वारा ओबीसी महासभा की माँग का समर्थन करते हुए से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किए जायेंगे। मकर संक्रांति के बाद (15/16 जनवरी 2021 को) आँदोलन के चौथे चरण में ओबीसी महासभा के प्रतिनिधि मंडल द्वारा क्षेत्रीय विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से मुलाकात की जायेगी तथा समाधानकारक स्थिति न होने पर आगामी आँदोलन की चेतावनी देना। जो इस प्रकार होगा : पाँचवा चरण : ब्लाक मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन (18 से 22 जनवरी 2021), छठवाँ चरण : ब्लाक मुख्यालयों पर अनशन (24 व 25 जनवरी 2021) इसके बाद ओबीसी महासभा के पदाधिकारी सातवाँ चरण में समाज के बीच जायेंगे तथा सभी ग्रामों में सभाओं का आयोजन कर यथा स्थिति से आमजनों को अवगत करायेंगे। तत्पश्चात आठवाँ चरण जिला मुख्यालयों पर जेल भरो आँदोलन होगा। इसके बावजूद भी यदि जनगणना फार्मेट में ओबीसी का कॉलम नहीं बनाया गया तो नौवे चरण में ओबीसी समाज द्वारा जनगणना का बहिष्कार किया जायेगा। सर्वविदित है कि संविधान में सामाजिक तथा शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए समुदायों को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़े वर्गों के रूप में 3 वर्ग बनाये गए हैं। जनगणना में इन तीनों वर्गों की दशाओं के आँकड़े एकत्रित किए जाने चाहिए। लेकिन जनगणना अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग की जनगणना तो होती है किन्तु अन्य पिछड़ा वर्ग की जनगणना नहीं होती है। ओबीसी महासभा की विज्ञप्ति में बताया गया कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए गठित सांवैधानिक आयोगों (काका कालेलकर आयोग, मंडल आयोग व मध्य प्रदेश रामजी महाजन द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग की जनगणना कराये जाने बावत् अनुशंसाएँ की गई हैं। तदनुसार इस हेतु संसद में बनी सहमति के आधार पर जनगणना 2011 में पृथक से अन्य पिछड़ा वर्ग के आँकड़े एकत्र करने प्रयास किए गए किन्तु आँकड़े जारी नहीं किए गए। उल्लेखनीय है कि ओबीसी महासभा द्वारा लंबे समय से प्रतिमाह ज्ञापन देकर जनगणना 2021 के फॉर्मेट में ओबीसी का कालम बनवाने शासन-प्रशासन से निवेदन किया जाता रहा है। लेकिन पूर्व की भाँति इस बार भी जनगणना फार्मेट में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का कॉलम नहीं है। फलस्वरूप ओबीसी वर्ग की जनसंख्या तथा उसकी परिस्थितियों का आकलन नहीं हो पायेगा। फलतः ओबीसी वर्ग के विकास करने की सांवैधानिक प्रतिबद्धता फिर अपूर्ण रह जायेगी।

