मध्य प्रदेश सिवनी स्वास्थ्य

मध्यप्रदेश में ब्लेक फंगस के 987 सक्रिय प्रकरण

सिवनी। प्रदेश में ब्लेक फंगस के 987 सक्रिय प्रकरण हैं। इंदौर में 417, भोपाल में 223, जबलपुर में 120, उज्जैन में 82, ग्वालियर में 56, रीवा में 36, सागर में 36, देवास में 15 तथा बुरहानपुर एवं रतलाम में 1-1 ब्लेक फंगस के प्रकरण हैं।

सिवनी में कोरोना के मिले  9  नये मरीज 181  एक्टिव केस –  जिलें के चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों के सकारात्मक प्रयासों से लगातार कोरोना मरीज स्वस्थ रहें हैं। जिलें में एक्टिव केस की संख्या लगतार घट रही हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के.सी. मेशराम से प्राप्त जानकारी अनुसार 2 जून को कुल 24 कोरोना मरीज स्वस्थ हुये हैं, वही 9 नये कोरोना पॉजिटिव मरीज विगत दिवस प्राप्त रिपोर्ट मे पाये गए हैं।

जानकारी अनुसार अब तक जिले में कुल 112050 संदिग्ध व्यक्तियों के नमूने जांच हेतु लिए गए हैं। जिसमें से 6708 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाये गए हैं। जिनमें मरीज पूरी तरह 6499 स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में कोरोना के 181 एक्टिव केस हैं। जिनमें से 170 मरीज होंम कोरोनटाइन हैं। जिनकी मॉनिटरिंग कोविड़ कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से की जा रहीं।    

ब्लैक फंगस के इंजेक्शन जबलपुर में बनेंगे – कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों और इलाज के लिए जरूरी एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की मारामारी के बीच राहत की खबर है। जबलपुर की रेवा क्योर लाइफ साइंसेज दवा कंपनी अब इसके इंजेक्शन बनाएगी। कंपनी को सरकार की तरफ से उत्पादन संबंधी लाइसेंस मिल गया है। प्रदेश में इंदौर की मॉडर्न लैबोरेटरी के बाद प्रदेश की यह दूसरी कंपनी है, जिसे इसकी अनुमति मिली है। जून तक के आखिर तक कंपनी इंजेक्शन बनाने की तैयारी में है। कंपनी द्वारा रॉ मटेरियल के लिए ऑर्डर दिया जा चुका है, उम्मीद है कि 15 जून तक रॉ-मटेरियल मिल जाएगा, जिसके बाद इंजेक्शन का उत्पादन शुरू हो सकेगा।

मिला लाइसेंस – उमरिया- डुंगरिया स्थित रेवा क्योर लाइफ साइंसेज कंपनी के एमडी रवि सक्सेना के मुताबिक ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले और इसके इंजेक्शन की देश में भारी कमी को देखते हुए उन्होंने इमरजेंसी में इसके उत्पादन का निर्णय लिया। उनकी कंपनी एंटी कैंसर इंजेक्शन बनाती है। प्रदेश सरकार से लाइसेंस मिलने के बाद वह रॉ मटेरियल की व्यवस्था में जुटे हैं। कम से कम एमआरपी पर इंजेक्शन तैयार होंगे। सांसद राकेश सिंह की तरफ से भी इसमें मदद की जा रही है।

5 से 10 हजार वॉयल – कंपनी डब्ल्यूएचओ एंड यूरोपियन एफडीए एजेंसी से अप्रूव्ड है। जबलपुर में मरीजों को प्राथमिकता से यह इंजेक्शन मिलें, हम यही चाहते हैं। फिलहाल इंजेक्शन की सप्लाई पर सरकार का नियंत्रण है। कंपनी द्वारा एक बड़ी कंपनी से बात चल रही है। टाइअप करके इसका उत्पादन होगा। कंपनी इंजेक्शन के अलावा नॉर्मल पाउडर के रूप में भी इसे लाने की. कोशिश में है। एक बैच में लाइपोजोमल इंजेक्शन के 5 से 10 हजार वॉयल तैयार होंगे। रॉ मटेरियल उपलब्ध रहा तो महीने भर में 15 से 20 बैच बन सकते हैं।

जरूरी है इंजेक्शन – फंगस से पीड़ित मरीजों के लिए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन 70 से 80 एमएल रोज लगाने पड़ते हैं। एक मरीज को 40 से 60 इंजेक्शन की जरूरत पड़ सकती है। एक वॉयल 50 एमएल का होता है। विशेषज्ञों के अनुसार मरीजों के इलाज में इस इंजेक्शन का कोई विकल्प नहीं है।

— — — — — — — — — — — — — — — — — — — — —  ताजासमाचार पढ़ने के लिए न्यूज के नीचे दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं, या 94 2462 9494 सेव कर ज्वाइन की लिंक मांग सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी।

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