सिवनी। जिले के छपारा क्षेत्र के समीप स्थित प्रतापगढ़ गांव में नागेश परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन 28 दिसंबर से 4 जनवरी तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें तीसरे दिन की कथा में श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में जारी है। इस पावन अवसर पर कथा वाचक पंडित उमाकांत महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया।
कथा के तीसरे दिन पंडित उमाकांत महाराज ने माता अनुसुइया प्रसंग का अत्यंत भावपूर्ण और प्रेरणादायी वर्णन किया, जिसे सुनकर पंडाल में उपस्थित श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।
कथा वाचक ने बताया कि माता अनुसुइया भारतीय संस्कृति में पतिव्रता धर्म, त्याग, तप और सेवा की सजीव मूर्ति हैं। उनके तप और पवित्रता से प्रसन्न होकर त्रिदेव—ब्रह्मा, विष्णु और महेश को भी बालक रूप धारण करना पड़ा। यह प्रसंग यह सिखाता है कि सच्चा धर्म, अहंकार रहित भक्ति और निष्ठा से भगवान स्वयं भक्त के वश में हो जाते हैं।
पंडित उमाकांत महाराज ने कहा कि “अनुसुइया केवल एक चरित्र नहीं, बल्कि नारी शक्ति और संस्कारों की जीवंत प्रेरणा हैं। आज के समय में परिवार, समाज और संस्कृति को बचाने के लिए उनके आदर्शों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है।”
नागेश परिवार द्वारा किए जा रहे इस आयोजन की क्षेत्र में भूरि-भूरि प्रशंसा हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों से समाज में संस्कार, सद्भाव और आध्यात्मिक चेतना का संचार होता है। कथा प्रतिदिन निर्धारित समय पर जारी है, जिसमें आसपास के गांवों से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।



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