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7 Dec 2025, Sun

लक्ष्मी पूजा के बाद लोगों ने जम कर फोड़े पटाखे

सिवनी। रोशनी का पर्व दिवाली सोमवार 20 अक्टूबर को पूरे देश में मनाई गई। पिछले कई दिनों से पूरे देश समेत सिवनी जिले में दिवाली की रौनक दिखाई दे रही है। लक्ष्मी पूजा के बाद लोगों ने जम कर की आतिशबाजी

प्राचीन श्री लक्ष्मीनारायण मन्दिर तिघरा में दीपावली महापर्व सहस्र दीपक प्रज्ज्वलित

प्राचीन श्री लक्ष्मीनारायण मन्दिर तिघरा

पांजरा केवलारी में दुर्गा मंदिर में की गई पूजा
प्राचीन श्री लक्ष्मीनारायण मन्दिर तिघरा

शुभ दीपावली में प्राचीन लक्ष्मीनारायण जी के श्री विग्रहों के दिव्य दर्शन। इस वर्ष दीपोत्सव पर ग्राम तिघरा मुंगवानी रोड सिवनी मन्दिर में पंचदिवसीय 17अखंड घृत दीप एवं दीपावली पर्व पर सहस्र तेल दीप प्रज्ज्वलित किये जा रहे हैं।
यह पंच दिवसीय अखंड दीपोत्सव धनत्रयोदशी से यमुद्वितीया (भाई दूज)तक मनाया जाता है सर्वप्रथम अखंड घृत दीपक मन्दिर मुख्यार्चक पं. बंशीधर मिश्र के मार्गदर्शन व निर्देशन में सर्वाकार प्रभारी संगई श्री राजेंद्र(राजा बाबू )सिँह बघेल की धर्मपत्नी एवं भूतपूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष की माता श्रीमती गीता बाई बघेल के द्वारा 03घृत दीपक प्रज्जवलित कर प्रारम्भ किया गया था,जिनकी संख्या तिघरा, खापा, नरेला, सरगापुर लुघरवाड़ा ग्रामीण एवं सिवनी जिले के भक्तों के सहयोग से निरंतर बढ़ रही है यह उत्सव विगत लगभग 17-18वर्षो से मंदिर में संचालित है आप भी इस पर्व पर इन प्राचीन श्री विग्रहों के दर्शन के साथ साथ अखंड घृत दीपों के दर्शन लाभ अवश्य लेवें।

दीपावली निर्वाण कल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया गया चातुर्मास कलश प्रदान किये गए।

गरीब लोगों को मिठाई, वस्त्र, औषधि और अन्य वस्तुएं अर्पण की गई। यह चातुर्मास निर्विघ्न साधना के साथ संपन्न हुआ

श्री पारसनाथ दिगंबर जैन बड़ा मन्दिर सिवनी मध्य प्रदेश में महासमाधि धारक परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से दीक्षित एवं परम पूज्य आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य
मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज, मुनि श्री भाव सागर जी महाराज के सानिध्य में 21 अक्टूबर 2025 को
प्रातःकाल की बेला में मुनिसंघ का चातुर्मास समापन हुआ प्रातः काल की बेला में अभिषेक, शांतिधारा ,पूजन, महावीर भगवान के मोक्षकल्याणक पर निर्वाण लाड़ू अर्पण किया गया ,चातुर्मास कलश प्रदान किये गए
गरीब को मिठाई, वस्त्र, औषधि और अन्य वस्तुएं अर्पण की गई इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि अनेक वर्षों से परंपरा से निर्वाण महोत्सव मनाते आ रहे हैं, अपना सौभाग्य है कि महावीर भगवान के शासन में हमारा जन्म हुआ, आज के दिन महावीर भगवान मोक्ष गए थे , पर्व हम सभी को पवित्र करते हैं, यह पवित्रता का दिन है ,लोग मकान ,दुकान की सफाई करते हैं , यह पर्व अंतरंग की सफाई का है ,जीवन रूपी महल की सफाई करें ,जो प्रतिदिन प्रभु का अभिषेक , पूजन ,दान करते हैं ,नियम ,संयम से बंधे हुए हैं वह आत्मा की सफाई करते हैं, जो यह कार्य करते हैं उसकी प्रतिदिन दिवाली है ,आज हम लोगों को चातुर्मास से मुक्ति मिल गई है, यह चातुर्मास निर्विघ्न साधना के साथ संपन्न हुआ ,आगे के कार्यक्रम बाकी है ,यह चातुर्मास बड़ी-बड़ी उपलब्धियां के साथ संपन्न हुआ ,नवीन वेदी पर वासुपूज्य भगवान विराजमान होना हैं ,ऐसा सौभाग्य हाथ से जाने नहीं देना, जमान करने का ,पटाखे नहीं फोड़ने का संकल्प लें, वाद्य यंत्र खरीद कर बजाए, थाली बजाए झालर बजाए, महावीर स्वामी ने बाहरी संपदा छोड़ी और अंतरंग संपदा की प्राप्ति हुई ,ज्ञान का दीपक जलना चाहिए।

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