मोक्षधाम के पास मोतीनाला पर सड़कों पर सिरिंज, टेस्ट शीशियाँ, पैड और डाइपर के ढेर में गायें खोज रहीं भोजन
सिवनी। कटंगी रोड स्थित मोक्षधाम के पास मोतीनाला क्षेत्र में खुलेआम बड़ी मात्रा में मेडिकल वेस्ट फेंका गया है। सड़क किनारे फैले इस कचरे में उपयोग किए गए सिरिंज, ब्लड टेस्ट की शीशियाँ, सेनेटरी पैड, डाइपर और दवाइयों की शीशियाँ बिखरी पड़ी हैं।
तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि आवारा गायें इसी कचरे में भोजन तलाशती नजर आ रही हैं, जिससे संक्रमण और बीमारी फैलने का खतरा कई गुना बढ़ गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थान नगरपालिका सीमा से मात्र पचास कदम दूर है, फिर भी जिम्मेदार अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण यहाँ बायोमेडिकल वेस्ट खुले में फेंका जा रहा है।
सीमा विवाद में अटका सफाई जिम्मा – स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस क्षेत्र की सफाई और जिम्मेदारी को लेकर नगरपालिका और ग्राम पंचायत डोरली छतरपुर के बीच सीमा विवाद बना हुआ है।
इसी विवाद का फायदा उठाकर कुछ लोग मेडिकल वेस्ट फेंककर जिम्मेदारी से बच रहे हैं। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो यह क्षेत्र संक्रमण का केंद्र बन सकता है।
स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा – ऐसा मेडिकल वेस्ट सीधे तौर पर संक्रमण फैलाने, जल स्रोतों को दूषित करने और मवेशियों के जीवन को खतरे में डालने वाला होता है। जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, बायोमेडिकल वेस्ट का निपटान केवल अधिकृत केंद्रों पर वैज्ञानिक तरीके से किया जाना चाहिए, न कि सड़क किनारे खुले में फेंककर जनता की जान को जोखिम में डाला जाए।
स्कूलों, बस्तियों और मोक्षधाम के बीच फैला कचरा – इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों लोग और वाहन गुजरते हैं। इसी रास्ते से स्कूली विद्यार्थी, स्थानीय नागरिक और आसपास की बड़ी बस्तियाँ भी जुड़ी हैं। नजदीक ही मोक्षधाम स्थित है, जहाँ प्रतिदिन अंतिम संस्कार हेतु बड़ी संख्या में लोग आते हैं और यही मेडिकल वेस्ट उनके गुजरने के रास्ते में पड़ा है। खास बात यह है कि जहां यह कचरा पड़ा है, वहीँ अंतिम संस्कार से पहले धार्मिक क्रिया के लिए लोग रुकते हैं। डायपर, सेनेटरी पैड, ब्लड कॉटन और गंदे कपड़ों के ढेर न सिर्फ बदबू फैला रहे हैं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत असंवेदनशील स्थिति पैदा कर रहे हैं।
जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौन – इतने संवेदनशील इलाके में खुलेआम मेडिकल वेस्ट का पड़ा रहना प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर उदाहरण है। इसके बावजूद अब तक न तो किसी जनप्रतिनिधि ने संज्ञान लिया, न ही संबंधित विभाग ने सफाई की पहल की।
यह सवाल उठाता है कि स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा पर चल रही योजनाएँ जमीनी स्तर पर कितनी कारगर हैं।
जागरूक नागरिकों की मांग – स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की तत्काल जांच कर दोषियों की पहचान की जाए, खुले में पड़े मेडिकल वेस्ट का वैज्ञानिक निस्तारण कराया जाए, और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निगरानी व्यवस्था मजबूत की जाए।
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