किस थाने में है रुपए, सब मौन, अब क्या होगी प्रेसवार्ता ?
सिवनी। देश भक्ति जन सेवा की विचारधारा को कलंकित करने का काम सिवनी जिला पुलिस अधिकारी ने किया है। छोटे से चाकू की बरामदगी करने पर पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, sdop का नाम महोदय, श्रीमान लगा कर प्रेस विज्ञप्ति जारी करने वाली सिवनी की पुलिस, लुटेरी पुलिस के नाम से इन दिनों चर्चा में है। हालांकि आईजी ने शिकायत के बाद पुलिस के छोटे कर्मी पर कार्रवाई करते हुए जब ज्यादा चर्चा पुलिस के आला अफसर क्या दोषी नही है। इस पर बनता दवाब देख sdop पर भी कार्यवाही करने मजबूर हुई।
सिवनी ज़िले से एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई सामने आई है। पुलिस महानिरीक्षक (IG) जबलपुर ज़ोन से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर सिवनी की अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओपी) श्रीमती पूजा पांडेय को गंभीर कदाचार और संदिग्ध आचरण के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
घटना 8 और 9 अक्टूबर की दरमियानी रात की बताई जा रही है। बंडोल थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि एक कार (एमएच-13 ईके 3430) कटनी से जालना की ओर बडी रकम लेकर जा रही है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने सीलादेही क्षेत्र में वाहन को रोककर तलाशी ली तो लगभग 03 करोड़
रुपये नकद मिले। गाड़ी में जालना निवासी सोहन परमार सहित चार लोग सवार थे। पुलिस ने रकम को हवाला से जुड़ा बताया, जबकि आरोपियों ने इसे वैध व्यापारिक राशि करार दिया।
ऐसे सामने आया मामला
मामला तब गंभीर हो गया जब रिकॉर्ड में गड़बड़ी सामने आई। शुरुआती रिपोर्ट में जब्ती 2.25 करोड़ रुपये दर्ज थी, लेकिन बाद में
यह रकम 1.45 करोड़ बताई गई। करीब 80 लाख रुपये का यह अंतर पूरी कार्रवाई पर प्रश्नचिह्न बन गया। सूत्रों के अनुसार रकम जब्त करने के बाद कुछ पुलिसकर्मियों ने कम राशि दर्ज कर शेष रकम छिपाने का प्रयास किया। बताया गया कि वाहन सवारों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, लेकिन जब उन्होंने जब्त राशि की पूरी रिपोर्ट की मांग की, तब यह हेराफेरी उजागर हुई।
सबूतों के साथ हुई लापरवाही, छेड़छाड़ – जांच में एक और चौंकाने वाला पहलू यह भी सामने आया कि आरोपियों के मोबाइल फोन, जो पुलिस की कस्टडी में थे, वे नागपुर में सक्रिय पाए गए। इससे यह स्पष्ट हुआ कि जब्ती के दौरान सबूतों के साथ गंभीर लापरवाही और छेड़छाड़ की गई है।
मामला दिनांक 8 अक्टूबर 2025 की रात का बताया जा रहा है, जब एनएच-44 शीलादेही बायपास सिवनी में पुलिस द्वारा की जा रही चेकिंग के दौरान एक बड़ी रकम बरामद की गई थी। प्रारंभिक जांच में इस राशि को लेकर कई संदेहास्पद परिस्थितियाँ सामने आईं, जिसके बाद पूरा मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा।
पुलिस महानिरीक्षक, जबलपुर ज़ोन द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में यह स्पष्ट किया गया कि इस पूरे प्रकरण में एसडीएम पूजा पांडेय का आचरण प्रथम दृष्टया गंभीर और संदिग्ध प्रतीत होता है। इसके आधार पर शासन ने उन्हें मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के अंतर्गत 10 अक्टूबर 2025 से निलंबित कर दिया है।
निलंबन के बाद श्रीमती पूजा पांडेय का मुख्यालय पुलिस मुख्यालय, भोपाल निर्धारित किया गया है। आदेश में यह भी उल्लेख है कि निलंबन अवधि के दौरान उन्हें नियमों के अनुसार जीवन निर्वहन भत्ता प्राप्त होगा।
इससे पहले इन्हें किया गया निलंबित – 1-उप निरीक्षक अर्पित भैरम, थाना प्रभारी बण्डोल, सिवनी।, 2-प्रधान आरक्षक 203 माखन, एसडीओपी कार्यालय सिवनी।, 3-प्रधान आरक्षक 447 रविन्द्र उईके, रीडर एसडीओपी कार्यालय सिवनी।, 4-आरक्षक 803 जगदीश यादव, एसडीओपी कार्यालय सिवनी।, 5-आरक्षक 306 योगेन्द्र चौरसिया, एसडीओपी कार्यालय सिवनी।, 6-आरक्षक चालक 582 रितेश, ड्रायवर एसडीओपी कार्यालय सिवनी।, 7-आरक्षक 750 नीरज राजपूत, थाना बण्डोल, सिवनी।, 8-आरक्षक 610 केदार, गनमैन एसडीओपी सिवनी, 8 वीं वाहिनी विसबल छिन्दवाड़ा।, 9-आरक्षक 85 सदाफल, गनमैन-एसडीओपी सिवनी, 8 वीं वाहिनी विसबल छिन्दवाड़ा।


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