संदिग्ध आचरण : जिला पुलिस बल व 8वीं बटालियन के जवान निलंबित

सिवनी। सिवनी जिले की पुलिस कितनी ईमानदारी से काम कर रही है इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला। नागपुर जा रही कार में रखे हवाला के लगभग 3 करोड़ रुपए  को पुलिस वालों द्वारा  बंदरबांट कर लिए जाने का आरोप लगा है। इसकी जानकारी सिवनी पुलिस के आला अफसरों को होने के बाद भी कार्यवाही में हीलाहवाली बरती गई।

जिला सिवनी में पदस्थ / कार्यरत जिला पुलिस बल एवं 8 वीं वाहिनी विसबल, छिन्दवाड़ा के निम्नलिखित अधिकारियों/ कर्मचारियों के संदिग्ध आचरण के लिए इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाकर पुलिस लाईन सिवनी में सम्बद्ध किया जाता है। निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा तथा निलंबन के दौरान ये नियमानुसार तीनों गणनाओं में पुलिस लाईन सिवनी में उपस्थित होगें ।

1-उप निरीक्षक अर्पित भैरम, थाना प्रभारी बण्डोल, सिवनी।, 2-प्रधान आरक्षक 203 माखन, एसडीओपी कार्यालय सिवनी।, 3-प्रधान आरक्षक 447 रविन्द्र उईके, रीडर एसडीओपी कार्यालय सिवनी।, 4-आरक्षक 803 जगदीश यादव, एसडीओपी कार्यालय सिवनी।, 5-आरक्षक 306 योगेन्द्र चौरसिया, एसडीओपी कार्यालय सिवनी।, 6-आरक्षक चालक 582 रितेश, ड्रायवर एसडीओपी कार्यालय सिवनी।, 7-आरक्षक 750 नीरज राजपूत, थाना बण्डोल, सिवनी।, 8-आरक्षक 610 केदार, गनमैन एसडीओपी सिवनी, 8 वीं वाहिनी विसबल छिन्दवाड़ा।, 9-आरक्षक 85 सदाफल, गनमैन-एसडीओपी सिवनी, 8 वीं वाहिनी विसबल छिन्दवाड़ा।

घटना 8 और 9 अक्टूबर की दरमियानी रात की बताई जा रही है। बंडोल थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि एक कार (एमएच-13 ईके 3430) कटनी से जालना की ओर बडी रकम लेकर जा रही है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने सीलादेही क्षेत्र में वाहन को रोककर तलाशी ली तो लगभग 03 करोड़

रुपये नकद मिले। गाड़ी में जालना निवासी सोहन परमार सहित चार लोग सवार थे। पुलिस ने रकम को हवाला से जुड़ा बताया, जबकि आरोपियों ने इसे वैध व्यापारिक राशि करार दिया।

ऐसे सामने आया मामला

मामला तब गंभीर हो गया जब रिकॉर्ड में गड़बड़ी सामने आई। शुरुआती रिपोर्ट में जब्ती 2.25 करोड़ रुपये दर्ज थी, लेकिन बाद में

यह रकम 1.45 करोड़ बताई गई। करीब 80 लाख रुपये का यह अंतर पूरी कार्रवाई पर प्रश्नचिह्न बन गया। सूत्रों के अनुसार रकम जब्त करने के बाद कुछ पुलिसकर्मियों ने कम राशि दर्ज कर शेष रकम छिपाने का प्रयास किया। बताया गया कि वाहन सवारों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, लेकिन जब उन्होंने जब्त राशि की पूरी रिपोर्ट की मांग की, तब यह हेराफेरी उजागर हुई।

सबूतों के साथ हुई लापरवाही, छेड़छाड़ – जांच में एक और चौंकाने वाला पहलू यह भी सामने आया कि आरोपियों के मोबाइल फोन, जो पुलिस की कस्टडी में थे, वे नागपुर में सक्रिय पाए गए। इससे यह स्पष्ट हुआ कि जब्ती के दौरान सबूतों के साथ गंभीर लापरवाही और छेड़छाड़ की गई है।

सौजन्य दैनिक भास्कर न्यूज

ताजासमाचार ग्रुप से जुड़ने लिंक मांग सकते हैं। वाट्सएफ नम्बर 94 2462 9494 से । या न्यूज के नीचे जाए और दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *