सिवनी। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सिवनी में प्राचार्य डॉ रविशंकर नाग के निर्देशन व संरक्षण में इको-क्लब प्रभारी डॉ संदीप कुमार शुक्ल द्वारा विश्व ओजोन दिवस 2025 का आयोजन किया गया। इस बार विश्व ओजोन दिवस “फ्रॉम साइंस टू ग्लोबल एक्शन” थीम2025 पर आधारित था।
उक्त कार्यक्रम में बीएससी एवं एम एस सी के विद्यार्थियों करिश्मा डहेरिया, अम्बिका बहेश्वर, साक्षी धुर्वे, मनीषा उइके, रीता, तथा शशि ने पोस्टर प्रेजेंटेशन के द्वारा अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। डॉ. राधे श्याम डहेरिया ( विभाग अध्यक्ष जूलॉजी), डॉ संदीप कुमार शुक्ल, डॉ टी. पी. सागर, डॉ. मनीषा सोनेकर एवं डॉ धनेद्र गुर्देकार ने विद्यार्थियों को बताया कि ओजोन, 10 से 40 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित समताप मंडल में एक परत के रूप में स्थित है जो एक अंब्रेला की तरह सूर्य की पराबैंगनी किरणें से करने से पृथ्वी पर मानव जीवन की सुरक्षा करती है।
पराबैंगनी किरणों के प्रभाव से त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद तथा उत्परिवर्तन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं । मानव द्वारा सुख सुविधा के लिए प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न संसाधनों जैसे सोफा, फोम, एरोसॉल स्प्रे आदि से उत्पन्न क्लोरोफ्लोरोकार्बन ओजोन परत के कमजोर करने के लिए उत्तरदाई है, जिसे ओजोन होल भी कहते हैं। इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में 1987 में विश्व के 114 देश का एक सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें ओजोन को नष्ट करने वाले पदार्थ के उत्सर्जन को कम करने हेतु नियम तय किए गए थे जिसे मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल कहते हैं।
इस पर 16 सितंबर को विश्व के 94 देशों ने हस्ताक्षर करके अंगीकार किया था। तब से पृथ्वी में मानव समुदाय को ओजोन क्षरण से बचाने के लिए जागरूक करने हेतु ओजोन दिवस मनाने की परंपरा सुनिश्चित की गई है।

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