सिवनी। माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहे इसके लिए महिलाओं ने रविवार को महालक्ष्मी की पूजा की।
महालक्ष्मी व्रत न केवल धन की प्राप्ति का मार्ग खोलता है, बल्कि घर में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है। माता लक्ष्मी की कृपा पाने का यह श्रेष्ठ अवसर होता है।
बंडोल के पंडित तनिष्क दुबे ने बताया कि श्रद्धा के साथ इस व्रत का पालन करने से न केवल धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन में स्थायी सुख, शांति और समृद्धि भी आती है।
कथा में पं. तनिष्क दुबे ने बताया कि प्राचीन काल में एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। वह भगवान विष्णु का परम भक्त था और प्रतिदिन उनकी पूजा करता था। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उसे दर्शन दिए और वरदान मांगने को कहा। ब्राह्मण ने इच्छा जताई कि उसके घर में लक्ष्मी का वास हो, ताकि वह दरिद्रता से मुक्त हो सके। भगवान विष्णु ने उसे मार्गदर्शन दिया कि गांव के मंदिर के पास एक स्त्री आती है, जो उपले थापती है वही देवी लक्ष्मी हैं। ब्राह्मण को उसे अपने घर आमंत्रित करना चाहिए। अगले दिन ब्राह्मण ने ऐसा किया और स्त्री लक्ष्मी जी प्रकट हुईं। उन्होंने ब्राह्मण को बताया, “तुम 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत करो और 16वें दिन चंद्रमा को अर्घ्य दो, तब मैं तुम्हारे घर आऊँगी.” ब्राह्मण ने पूरी निष्ठा के साथ 16 दिन व्रत रखा। 16वें दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने पर देवी लक्ष्मी उसके घर आईं और उसे धन, सुख और समृद्धि से भर दिया।
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