सोनू पारासर हत्याकांड, अश्लील वीडियो का मामला, आरोपी गिरफ्तार

कुछ Obscene फोटो को लेकर ब्लैकमेलिंग एवं पैसा बना हत्या का कारण

सिवनी। सोनू पाराशर हत्याकांड का खुलासा पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता ने रविवार को किया। पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि सोनू पाराशर के मोबाइल में आरोपी  नाबालिक बच्चों के कुछ अश्लील फोटो थे जिन्हें आरोपी और नाबालिक आरोपी सोनू पाराशर से उनके मोबाइल में एकत्रित अश्लील फोटो को डिलीट उड़ाने की बात किया करते थे। इसके साथ ही सोनू पाराशर के पास रुपए होने और उसके रुपए को लेने के उद्देश्य से आरोपियों ने सोनू पाराशर की चाकू के वार से हत्या कर दी और शव को पानी से भरे एक गड्ढे में शव को तार पत्थर से बांधकर डुबो दिया।

पुलिस ने बताया कि घनश्याम प्रजापत का अपने साथी नाबालिग किशोर के साथ सोनू पारासर का आना जाना लगा रहता था जो नाबालिग किशोर निवासी मानेगांव ने अपने साथी घनश्याम घनश्याम से बताया कि उसके कुछ Obscene अश्लील फोटो पवन उर्फ सोनू पारासर के मोबाईल में है। ऐसा पवन पारासर पारासर ने बताया है, जिसको  लेकर पवन पारासर उसे परेशान कर रहा है।

दिनाँक 9 जुलाई  की शाम लगभग 8  बजे के बाद से पवन पारासर उर्फ सोनू निवासी शास्त्री वार्ड बारापत्थर सिवनी संदिग्ध परिस्थियों में लापता हुए थे जिनकी तलाश परिजनों द्वारा लगातार की जा रही थी परंतू कोई पता नहीं चल रहा था। दूसरे दिन थाना कोतवाली सिवनी में गुम इंसान क्र. 85/2025 दर्ज हुआ था। उक्त सूचना को गंभीरता से लेते हुये कोतवाली पुलिस स्टाफ द्वारा पतासाजी की गई जो गुम इंसान के घर से मानेगाँव रोड पर लगभग 500 मीटर दूर झाडियों में स्कूटी मिली। उक्त घटना को वरिष्ठ अधिकारियों ने गंभीरता से लेते हुये डूण्डासिवनी एवं कोतवाली पुलिस को संयुक्त रूप से पतासाजी हेतु निर्देश दिये एवं तकनीकी सहायता भी ली गई ।

पुलिस को  12 जुलाई  को सूचना प्राप्त हुई कि मानेगाँव में रोङ से लगभग 50 मीटर दूर एक गड्‌ढे में जिसमें पानी भरा हुआ है ऐसा प्रतीत होता है कि पत्थर से दबा हुआ कुछ है जहां से बुलबुले भी निकल रहे है। जो कोतवाली एवं डूण्डासिवनी पुलिस द्वारा तुरंत मौके पर जाकर सी.एस.पी. श्रीमति पूजा पाण्डेय के मार्गदर्शन में देखा जिससे कुछ संदेहास्प्रद स्थिति लगी जो गुम इंसान के परिजनों के समक्ष गड्‌ढे से पानी खाली कराया गया जिसमें एक आदमी को उल्टा लेटाकर कमर में तार से पत्थर बांधकर ऊपर रखे पाये गये जिसे हटवाकर देखा गया जिसकी पहचान पवन पारासर उर्फ सोनू निवासी शास्त्री वार्ड बारापत्थर सिवनी के रूप में हुई । घटनास्थल का मुआयना एवं मृत व्यक्ति के शव देखने से यह प्रतीत हुआ कि यह हत्या है ।

उक्त सूचना को  पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता को अवगत कराया गया जो घटना को गंभीरता से लेते हुये आरोपियों का पतासाजी एवं हत्या का खुलासा करने हेतु निर्देशित किया गया जो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपक मिश्रा के मार्गदर्शन आरोपी की पतासाजी कर हत्या का खुलासा करने हेतु डूण्डासिवनी एवं कोतवाली की संयुक्त टीम गठित की गई। वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा घटनास्थल का मुआयना भी किया गया।

आरोपियों की पतासाजी हेतु मृतक पवन पारासर उर्फ सोनू निवासी शास्त्री वार्ड बारापत्थर सिवनी के साथ में उठने बैठने वालों एवं अन्य साथियों से कडाई से पूछताछ की गई। तकनीकी सहायता ली गई, इस आधार पर मानेगाँव से तीन लडकों को संदेह के आधार पर पूछताछ की गई जिन्होंने हत्या में शामिल होना स्वीकार किया।

सख्ती से पूछताछ में जानकारी प्राप्त हुई घनश्याम प्रजापत का अपने साथी नाबालिग किशोर के साथ सोनू पारासर का आना जाना लगा रहता था जो नाबालिग किशोर निवासी मानेगांव ने अपने साथी घनश्याम  से बताया कि उसके कुछ Obscene अश्लील फोटो पवन उर्फ सोनू पारासर के मोबाईल में है। ऐसा पवन पारासर पारासर ने बताया है, जिसको लेकर पवन पारासर उसे परेशान कर रहा है। साथ ही जिन्हे इस बात की जानकारी थी कि पवन पारासर के पास अधिकांश समय जेब में पैसे रहते है जो घनश्याम को घर का किराया चुकाने एवं आनलाईन गेम खेलने के लिये पैसे की आवश्यकता थी जिससे दोनो ने पवन पारासर को मारने की योजना बनाई।  इस काम के लिये उन्हे एक हथियार की जरूरत थी जो एक अन्य नाबालिग किशोर के द्वारा एक लोहे का चाकू उपलब्ध कराया। और योजना बनाई कि चूंकि नाबालिग किशोर के यहां पवन पारासर का आना जाना रहता है जहां वह आसानी से आ जायेगा और उस समय उक्त घर में कोई नही था जिस कारण से सभी ने मिलकर पवन पारासर को वहां बुलाने की योजना बनाई।

9 जुलाई को नाबालिग किशोर के द्वारा पवन पारासर को रात्रि करीब 9  बजे बुलाया और बातचीत करने लगे जैसे ही पवन पारासर पलंग पर बैठा। दाये बाये नाबालिग किशोर और घनश्याम प्रजापत बैठे हुए थे बीच में पवन पारासर बैठे हुये थे और घनश्याम प्रजापत ने पवन पारासर के गर्दन पर लोहे के धारदार चाकू से एक प्राणघातक हमला किया जिससे पवन पारासर जमीन पर गिर गये और उनके मरने तक लगातार 8-10 बार गर्दन, सिर व कंधे पर पीछे तरफ किये गये और शव को छिपाने की नियत से घर के पीछे घर के पीछे गड्‌ढे में जिसमें पानी भरा हुआ था ले जाकर पत्थर से दबा दिये। ताकि कोई देख न सके एवं घर में पडे हुये खून को प्लास्टिक की बॉटल में भरकर मानेगाँव रोड के किनारे झाडियों में फेंक दिये एवं मृतक की स्कूटी एवं स्कूटी की चाबी झाडियों में छुपा दिये थे। मृतक के जेब से लगभग 7000 रूपये मिले थे उससे मकान मालिक को किराये का भुगतान किया।  साथ ही मृतक के पास घर में कुछ पैसे की जानकारी नाबालिग किशोर नि. मानेगांव के द्वारा घनश्याम प्रजापत को दी गई थी जो मृतक के पास घर में पैसे की गड्डी रखी रहती है इस तरह उस पैसे को हासिल करने के लालच में मृतक के पास मिली चाबी से घटना के बाद आरोपी घनश्याम प्रजापत के द्वारा पैदल जाकर घर का ताला खोलने का प्रयास किया लेकिन ताला नहीं खुला।

गिरफ्तार आरोपी 1. घनश्याम उर्फ नवीन प्रजापत पिता मदनपाल प्रजापत (आर्य) उम्र 19 साल नि. ग्राम लुंग्सा थाना बंडोल किराये से मानेगांव चौक सिवनी स्थायी निवासी ग्राम भामडाका थाना टपुपड़ा जिला अलवर (राजस्थान)। विधी उलंघनकारी बालक-02

सराहनीय कार्य – डूंडासिवनी पुलिस टीम निरीक्षक सतीश तिवारी, उनि मनोज जंघेला, सउनि बालकृष्ण त्रिगाम, सउनि संजय बघेल, प्र.आर. सुंदर श्याम तिवारी, जयेन्द्र बघेल, आर. नितेश राजपूत, कृष्णकुमार भालेकर, धनराज वरकडे, रघुराज यादव, विक्रम देशमुख, मिथलेश सूर्यवंशी, रवि धुर्वे, अंशुमन राजपूत, चंद्रदीप हिवारे। कोतवाली पुलिस टीम एवं अन्य सहायक स्टाफ – निरीक्षक किशोर बामनकर, उनि दयाराम शरणागत, प्र.आर. मुकेश गोडाने अमित रघुवंशी, अंकित देशमुख, सुधीर डेहरिया, लोकेश, इरफान सउनि देवेद्र जायसवाल, आर. अजय बघेल (तकनीकी सहायता), फिंगर प्रिंट प्रभारी रितु उइके, सौमित्र उपाध्याय, बीडीएस टीम छिंदवाडा।

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