सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग ने शास.उ.मा.वि. बकौडी का किया औचक निरीक्षण
सिवनी। बच्चों के बेहतर भविष्य बनाने के लिए स्कूल में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचे और छात्रों को उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान करें। इसके लिए उन्हें लाखों रुपए वेतन के रूप में मिलता है। इन सब के बावजूद कुछ शिक्षक अपने शैक्षणिक कार्य से विमुख होकर शिक्षा के प्रति बेहद लापरवाही बरत रहे हैं। कुछ शिक्षक कृषि कार्य में जुटे हैं तो कुछ अन्य कार्य में। जिसके चलते छात्र-छात्राओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। अभिभावकों का कहना है कि अपने कर्तव्यों के प्रति गद्दारी कर रहे ऐसे शिक्षकों के प्रति सख्त कार्यवाही की जाए। अब ग्रामवासियों में जहां खासा आक्रोश है, वही ग्रामवासी, अभिभावक इस मामले की शिकायत अधिकारियों से कर रहे हैं जिस पर जांच भी हो रही है।
सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य सिवनी के निर्देशानुसार विकासखंड अधिकारी कुरई द्वारा मंगलवार 24 जून को अनेक स्कूलों का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान निरीक्षण अवधि तक अजय भारद्वाज (प्र.पा.), कृष्णकांत नाविक (उ.मा.शि.), श्रीमती अर्पणा कोष्टी (उ.मा.शि.), आशीष पटले (उ.मा.शि.), राकेश बिसेन (मा.शि.), रमेश मर्सकोले (मा.शि.), दुर्गा प्रसाद कटरे (मा.शि.), नितेश ठाकुर (मा. शि), सिया भलावी (प्रा.शि.), श्रीमती रानू नामदेव (प्रा.शि.), श्रीमती नर्बदा टेमरे (प्रा.शि.) अनुपस्थित पाये गये एवं शेष शिक्षक/ कर्मचारी अवकाश पर थे।
संस्था में छात्रों की उपस्थिति कम पाये जाने एवं निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाये गये। शिक्षकों का एक माह का वेतन आगामी आदेश तक रोके जाने तथा विलंब से आने वाले शिक्षकों को नोटिस जारी किये जाने के लिए सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य द्वारा निर्देशित किया गया है।
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