सिवनी। दक्षिण सिवनी सामान्य वन मंडल के पिंडरई बुट्टे बीट के जंगल में मवेशी चराने गए युवक सुमित पंद्रे की बाघ के हमले से मौत हो गई। जिस बाघ ने सुमित पर हमला किया था उसी बाघ ने सात माह पहले भी एक अन्य युवक पर भी हमला किया था। इससे उसकी भी मौत हो गई थी। शनिवार को पेंच टाइगर रिजर्व के अमले से इस बाघ का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है।
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया है कि मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक मध्य प्रदेश से मिली अनुमति के आधार पर 21 जून को बाघ का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है।
भोपाल भेजा गया बाघ – पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया है कि बाघ को रेस्क्यू करने के बाद वन विहार भोपाल भेजा गया है। रेस्क्यू करने के बाद मशक्कत के बाद उसे अमले ने घने जंगल के दुर्गम रास्तों से वाहन तक लाया। इसके बाद पूरी सुरक्षा के साथ बाघ को वन विहार भोपाल के लिए रवाना किया गया।
मौत के बाद ग्रामीणों ने जमकर किया था हंगामा- शुक्रवार को बावनथड़ी गांव निवासी युवक सुमित पन्द्रे अन्य साथियों के साथ गांव के समीप लगे दक्षिण सिवनी सामान्य वन मंडल के पिंडरई बुट्टे बीट के जंगल में मवेशी चराने गया था। इसी दौरान उस पर बाघ ने हमला कर दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया था। उन्होंने नागपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे में कुरई बस स्टैंड के सामने जाम लगा दिया था। बाधों को पकड़ने और उन्हे मारने की मांग पर गांव के लोग व मृतक युवक के परिजन अड़ गए थे। ग्रामीणों की बड़ी संख्या में एकत्रित भीड़ के कारण लगभग पांच घंटे हाइवे जाम रहा। काफी समझाइश और मृतक के परिजनों को नियम के तहत आठ लाख रुपये की सहायता तत्काल देने और 17 लाख रुपये सीएम राहत कोष से देने की बात कही गई। साथ ही बाघ को पकड़ने के लिए हाथियों का दल रवाना किया गया। सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके बाद गांव के लोग व मृतक के परिजन शांत हुए और रात लगभग नौ बजे से वाहनों की आवाजाही सुचारू हो सकी थी।
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