‘आइये भगतसिंह को जानें’ कार्यक्रम का हुआ आयोजन,
सिवनी। शहीद-ए-आज़म भगतसिंह की 117 वीं जयंती पर पीएम एक्सीलेंस काॅलेज के युवा विद्यार्थियों ने भगतसिंह के बलिदान को याद किया और उन्हें अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा का संकल्प लिया।
हिंदी और राजनीति विज्ञान विभाग के संयुक्त आयोजन में ‘आइये सरदार भगत सिंह को जानें’ शीर्षक के कार्यक्रम की शुरूआत में वरिष्ठ प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने शहीद-ए-आज़म भगतसिंह के चित्र पर माल्यार्पण और फूल अर्पित किये।
मुख्य वक्ता प्राचार्य डॉ रविशंकर नाग ने अपने वक्तव्य के जरिये इतिहास के कुछ कटु प्रसंगों का जिक्र किया। शहीद भगत सिंह के विचारों को यथार्थवादी और क्रांतिकारी बताया। कहा कि भगत सिंह के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ सविता मसीह अपने वक्तव्य में कहा कि सरदार भगत सिंह ने ऐसे समाज की कल्पना की थी जहाँ सभी समानता से रह सकें। कहा कि शहीद भगतसिंह युवाओं के लिए आज भी प्रेरक हैं। कहा कि भगतसिंह ने अपना सब कुछ देश के लिए अर्पित कर दिया। बलिदानियों में उनका नाम अग्रगण्य है।
विशेष वक्ता के रूप में प्रोफेसर सत्येन्द्र शेन्डे ने कहा कि भगतसिंह ने जिस स्वतंत्र भारत का स्वप्न देखा था, वह आज भी अधूरा है। बताया कि भगतसिंह ऐसा भारत का निर्माण चाहते थे, जहाँ सभी लोगों के बीच समानता और भाईचारा हो तथा सभी के लिए न्याय सुलभ हो। कहा कि भगतसिंह ने शोषण मुक्त समाज की कल्पना की थी। कहा कि समाजवादी समाज की स्थापना शहीद भगतसिंह का लक्ष्य था। बताया कि वतन के लिए बहाये गये खून का आखिरी कतरा दुनिया का सबसे अनमोल रत्न है, शहीदे आज़म भगतसिंह ने इस बात को सिद्ध किया है।
डॉ एम सी सनोडिया ने कहा कि भगत सिंह के योगदान को बताने के लिए हमारे पास शब्द नहीं है। कहा कि भगत सिंह आज भी हमारे प्रेरक हें। भगत सिंह के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए राजनीति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डाॅ ज्योत्सना नावकर ने कहा कि अपनी मातृभूमि से प्रेम होना चाहिए। भगत सिंह और अनगिनत शहीदों के कारण हमें आज़ादी मिली।
‘ऐ , भगत सिंह तू ज़िंदा है’ गीत का गायन – एम ए हिंदी की छात्रा रक्षा राहंगडाले ने ‘ऐ, भगत सिंह तू ज़िंदा है” गीत का भाव प्रवण गायन किया। इस गीत से उत्साहित होकर उपस्थित सभी छात्र छात्राओं ने सामूहिक गायन किया।
छात्रा दीपाली बोरकर ने अपने वक्तव्य के माध्यम से भगत सिंह के व्यक्तित्तव और कृतित्व पर विचार साझा किए।
क्रीड़ाधिकारी केसी राउर ने कहा कि भगत सिंह के आदर्शों को हमें जीवन में उतारना होगा। कार्यक्रम को डाॅ पूनम अहिरवार और जनभागीदारी शिक्षक छाया राय ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए जन भागीदारी शिक्षक उमाशंकर वर्मा ने विद्यार्थियों से भगतसिंह को जानने, समझने और उनके विचारों को अपनाने पर जोर दिया। कहा कि भगतसिंह के सपनों का भारत बनाने की जिम्मेदारी युवाओं की है। प्रोफेसर सत्येन्द्र कुमार शेन्डे ने सभी के प्रति आभार जताया।
कार्यक्रम में डाॅ लीडिया कमरे, डाॅ ज्योति गजभिये, डॉ रत्नेश सैनी, जनभागीदारी शिक्षक ओमप्रकाश जैन, अफसाना अंजुम, रितु गुप्ता समेत काॅलेज स्टाॅफ सहित बीए और एम ए हिंदी तथा राजनीति विज्ञान के छात्र- छात्राओं की सक्रिय उपस्थिति रही।
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