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12 Nov 2025, Wed

राष्ट्रीय वेबिनार : चिकित्सक के विफल होने पर डैथ बॉडी बाहर फेंक दी जाती थी!

सिवनी। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सिवनी के इतिहास विभाग द्वारा
आई क्यू एसी एवं विश्व बैंक परियोजना अन्तर्गत बुधवार 24 मार्च 2021 को वैश्विक महामारियां – इतिहास के परिप्रेक्ष्य में विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित हुआ। इस वेबिनार में मुख्य वक्ता डॉ अनसूया चोथानी, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय, राजकोट, गुजरात द्वारा महामारियों पर अपने उदभोदन में बताया कि ज्यादातर महामारियां सैनिकों, उद्यमियों, व्यापारियों, प्रवासियों और पर्यटकों के माध्यम से विश्व मे एक से दूसरे क्षेत्र में फैलती है। इंडियन प्लेग ब्रिटिश शासन में बंगाल मे 1817 के आसपास भयानक रुप मे फैली, यह ब्रिटिश सैनिकों टुकड़ियों के माध्यम से फैली एवं लाखों लोगों की मौत हुई। 420 ई. पु. में एथेंस ग्रीस में महामारी समुद्री नाविकों के माध्यम से विश्व मे फैला इससे सर्दी, ज़ुकाम, खांसी, खुजली एवं आंखे लाल हो जाती थी और खांसी से खून आता था एवं आदमी की मृत्यु हो जाती थी।। चिकित्सक के विफल होने पर डैथ बॉडी बाहर फेंक दी जाती थी एवं इसे ईश्वरीय प्रकोप माना जाता था ।
चीनी यात्रियों एवं चीनी सैनिकों के आगमन से महामारी भारत आई 1918 का स्पेनिश फ्लू का रूप भयानक था, कुछ बच्चे मां की कोख में खत्म हो गए। शरीर नीला पड़ जाता था, इस महामारी से लगभग 50 करोड़ से ज्यादा लोग मृत्यु का शिकार हुए।
महामारियों का इतिहास देखें तो 100 साल के अंतर में 1620, 1720, 1820, 1920 इस तरह 100 वर्ष बाद रूप बदलकर रिपीट हो रहा है और अब कोरोना के स्वरुप हमारे सामने है वायरस कही न कही पुराने स्पेनिश फ्लू की तरह है जैसे कि स्पेनिश फ्लू से करोड़ों लोगों की मौत हो गई थी।
सिंधु घाटी की सभ्यता में भी महामारी से सभ्यता नष्ट होने की बात कही जाती है। इस तरह बहुत ही सारगर्भित जानकारी वेबिनार के माध्यम प्रेषित की।
अध्यक्षीय उद्बोधन में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सिवनी के प्राचार्य डॉ सतीश चिले ने बताया कि महामारियां वनस्पतियों पर भी आती है हमें प्राकृतिक संसाधनों के सरंक्षण की आवश्यकता है।
वेबीनर के संयोजक और इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ डी पी ग्वालवंशी ने भी वैश्विक महामारियों पर प्रकाश डाला।
वेबिनार का संचालन डॉ पवन वासनिक प्रशासनिक अधिकारी ने किया और कहा कि आज के वेबिनार का विषय वर्तमान की ज्वलंत समस्या कोरोना महामारी से है,जिसमें सारी दुनिया भयभीत है।
वेबिनार में उपस्थित प्रो समर्थ प्रताप सिंह, प्रो अरविंद चौरसिया, प्रो विपिन मिश्रा, आई क्यू ए सी प्रभारी प्रो मंजु सराफ, प्रो परते, प्रो कौशल, ग्रंथपाल अहिरवार, प्रो चौधरी गूगल मीट के माध्यम से वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ संध्या श्रीवास्तव मैडम एवं महाविद्यालयीन परिवार ने अपनी उपस्थिति दी।

शासकीय महाविद्यालय मुरादाबाद उत्तरप्रदेश के इतिहास के प्राध्यापक डॉ गिरीश सिंह ने कोरोना पर प्रकाश डाला और बताया इतिहास में विभिन्न महामारियो का उल्लेख मिलता है। जैसे हैजा, प्लेग, चेचक, तपेदिक, स्पेनिश फ्लू, आदि जिसमें कोरोना भी एक फ्लू की तरह महामारी के रूप में सामने है। जिसमें हमें सावधानी बरतनी होगी, दूरी और मास्क लगाना नितांत आवश्यक है।
इस वेबिनार के आयोजन सचिव डॉ विजया दुबे, प्रो हर्षा लखेरा, प्रो ऋतु गुप्ता तथा तकनीकी प्रभारी डॉ अनिल बिंझिया डॉ दिनेश वर्मा की उपस्थित रहे। आभार प्रदर्शन डॉ विजया दुबे द्वारा किया गया।

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