सिवनी। नगर में प्रतिष्ठित, साहित्यकार, पत्रकार, गीत, गजल, के पुरोधा, धर्म मर्मज्ञ, ज्योतिषाचंय श्री राजेन्द्र नेमा क्षितिज की पुण्य स्मृति में दिनांक 08.06.2024 को शताक्षी संगीत विद्यालय के तत्वावधान एवं इन्द्रधनुष साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संस्था सिवनी द्वारा एक शाम सिवनी के नाम कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर पुष्प अर्पण से हुआ जिसमें शहर के गणमान्य नागरिक सुनील नाहर, सुनील मालू, डॉ. रश्मि दुबे, डॉ. गजेन्द्र डहरवाल, देवेन्द्र वर्मा, आर.के. चतुर्वेदी, इन्द्रेश शर्मा, दिनेश लुथरा तथा प. नेत्रपाल दुबे द्वारा मां सरस्वती की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किये गये तथा राजेन्द्र नेमा क्षितिज के छायाचित्र पर पुष्पांजली अर्पित की गयी।
तत्पश्चात देवेन्द्र वर्मा (सेवानिवृत वायुसेना अधिकारी) जा राजेन्द्र नेमा क्षितिज के बालसखा है एवं साथ में सेवा भी की हैं के द्वारा श्री राजेन्द्र नेमा क्षितिज के संबंध में विभिन्न यादगार लम्हों का स्मरण कर उनके विलक्षण गुणों से अवगत कराया गया।
श्री वर्मा के उदमोदन पश्चात इन्द्रेश शर्मा के संचालन में संगीत का कार्यक्रम आरंभ हुआ जिसमें सर्वप्रथम प. नेत्रपाल दुबे एवं शताक्षी दुबे द्वारा श्री राजेन्द्र नेमा क्षितिज द्वारा रचित मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की गई। तत्पश्चात श्री राजेन्द्र नेमा क्षितिज को स्वराजली देने का सिलसिला प्रारंभ हुआ जिसमें सर्वप्रथम प. नेत्रपाल दुबे द्वारा श्री राजेन्द्र नेमा क्षितिज द्वारा रचित रचना अपनेपन की सुख भरी का गायन किया गया।
प्रस्तुती मुग्ध करने वाली थी जिसको श्रोताओं ने अत्यंत सराहा इसके पश्चात गायक अमन तिवारी द्वारा श्री राजेन्द्र नेमा क्षितिज रचित रचना सौंधी माटी की खुशबू की प्रस्तुती दी गयी जिसे सुन श्रोता भाव विभोर हो गये। इसी क्रम में शताक्षी दुबे द्वारा शैलेन्द्र गौर रचित गीत प्राणप्रिय से मिलन को तरसते रहे की प्रस्तुति दी गई। काम को आगे बढाते हुये पराग कटरे, रिषभ यादव, अजय विश्वकर्मा, विशाल शुक्ला, कु. शाम्भवी शेण्डे एवं रात्यम शेण्डे द्वारा स्थानीय रचनाकारों की रचनाओं का सुरमयी प्रस्तुतिकरण श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करता रहा।
कार्यक्रम के मध्य में उपस्थित श्रोताओं द्वारा भी श्री राजेन्द्र नेमा क्षितिज को पुष्पाजली अर्पित की गयी एवं डॉ. गजेन्द्र डहरवाल द्वारा श्रधेय श्री राजेन्द्र नेमा क्षितिज के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया एवं कार्यक्रम के उद्देश्यों को बताते हुये कहा गया कि श्री राजेन्द्र भैया चाहते थे कि सिवनी के कलाकारों को एक मंच प्राप्त हो जिसमें सभी विधायें सिवनी के कलाकारों की हो इसका प्रयास राजेन्द्र भैया विगत 25 वर्षों से कर रहे थे उन्हीं के सपनों को आगे बढ़ाने के लिये यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है जो आपके सहयोग और उत्साह वर्धन से ही सफल हो पा रहा है।
डॉ. गजेन्द्र डहरवाल द्वारा कार्यक्रम के अंत में सभी श्रोताओं एवं पं. नेत्रपाल दुबे और शताक्षी संगीत विद्यालय के छात्र हेमकांत गढ़ेवाल, सुनील नाहर और तबला वादक पवन सनोडिया, ढोलक पर साथ दे रहे। शिवा डेहरिया, की-बोर्ड पर सुर बिखेरने वाले ललित चौधरी एवं अन्य उपस्थित सभी गणमान्यों का हृदय से आभार व्यक्त किया गया।
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