सिवनी। बंडोल के कात्यायनी माता मंदिर में रविवार को शादी-विवाह, संतान और कुंडली दोष दूर करने के लिए नवरात्रि की षष्ठी पर भक्त मन्नत लेकर पहुंचे।
बंडोल में षष्ठी कात्यायनी देवी का अलौकिक और प्रतापी मंदिर है। इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने की थी। इस मंदिर का अलग ही आध्यात्मिक महत्व है। श्रद्धालु नवरात्रि में इस मंदिर में कलश स्थापित करते हैं। यह सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है। बंडोल के इस मंदिर में वैसे तो सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है। लेकिन नवरात्रि में तो मेला लग जाता है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं में देश-विदेश के लोग शामिल रहते हैं।
शादी-विवाह, संतान और कुंडली दोष दूर करने के लिए नवरात्रि की षष्ठी पर भक्त मन्नत लेकर यहां आते हैं। पूजा के बाद कात्यायनी देवी की मूर्ति का श्रृंगार कराते हैं। मनोकामना पूरी होने पर वो नवरात्रि में यहां आते हैं और मंदिर में ज्योति कलश स्थापित करते हैं।
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