सिवनी। नगर के एफसीआई गल्ला गोदाम के पास मांगलीपेठ, कस्तूरबा वार्ड सिवनी में रामकृष्ण महिला मंडल कस्तूरबा वार्ड सिवनी की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के षष्टम दिवस पर भागवत कथा व्यास कन्हैया जी महाराज ने गुरुवार को महारास का वर्णन करते हुए कहा कि जीवन में सत्संग का होना बहुत जरूरी है। सत्संग करने से हमें अच्छे संस्कार आते हैं। जिससे विचार अच्छे होते हैं और विचार अच्छा होने से मन अच्छा होगा। अच्छा मन से भगवान तो प्रसन्न होते ही हैं। साथ ही कार्य क्षेत्र में भी उन्नति होती है।
महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि जीवन में समर्पण भाव होना चाहिए। कथा में वर्णन आता है कि संमुख हुए जीव मोहे जवाई जन्म कोटि अघ ना सही अर्थात भगवान का यह सत्य वचन है कि यदि जीव मुझे समर्पण कर देता है, तन मन से समर्पित हो जाता है तब में उसके समस्त पाप ताप साप उसी समय नष्ट कर देता हूं। हमें भगवान के प्रति समर्पण होना चाहिए। हम शरीर से संसार के कार्य करें। अपने मन और बुद्धि से प्रभु के हो कर रहे। उनका स्मरण और उनका धन्यवाद करते रहना चाहिए। यही सास्वत भजन, त्याग ओर तपस्या है। ऐसे जीव की सद्गति निश्चित रूप से हो जाती है यही भाव सबसे उत्तम है।
माता रुक्मणी ने भी समर्पण भाव से श्री कृष्ण को याद कर सर्वस्व मान कर विवाह निवेदन किया। जिसके बाद श्री कृष्ण ने लीला कर माता रुक्मणी से विवाह किया। इस अवसर पर धूमधाम से श्री कृष्ण की बरात निकाली गई। कृष्ण-रुक्मणी विवाह की झांकी सजाई गई।
ताजासमाचार ग्रुप से जुड़ने लिंक मांग सकते हैं। वाट्सएफ नम्बर 94 2462 9494 से । या न्यूज के नीचे जाए और दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी।