जघन्य एंव सनसनीखेज प्रकरण में सजा
सिवनी। सिवनी के थाना अरी के अंतर्गत प्रकरण को
तत्कालीन एसपी सिवनी कुमार प्रतीक द्वारा जघन्य सनसनीखेज की श्रेणी में रखा गया था एंव इसकी विवेचना गंभीरता पूर्वक
महिला थाना के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक प्रदीप बाल्मिक को सौंपा गया था। घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार हे कि दिनांक 21/06/2022 को पीडिता के माता पिता सुबह अपनी नाबालिक पीडिता उम्र 04 साल 10 माह और उसके भाई को छोडकर मजदूरी करने गए थे
। शाम को करीब
5 बजे घर लोटकर आए तब नाबालिक पीडिता ने अपनी माता को बताई कि थोडी देर पहले मैं अपने घर के सामने रोड पर अपने भाई के साथ खेल रही थी
। तभी आरोपी कंचन चंद्रवंशी उम्र 40 साल, आया और अपने साथ हम दोनेा भाई - बहन को बोला कि मेरे साथ चलो बोलकर मेरा हाथ पकडकर उसके घर लेकर गया, और मुझे आम खाने को दिया और भाई को भात खाने दिया
। थोडी देर बाद मुझे खटिया में सुला दिया और गलत काम करने की कोशिश करने लगा
। मै जोर से रोने लगी और अपने भाई के साथ वहा से भागकर घर वापस आ गई।
अपराध की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी को विवचेना का दायित्व सोपते हुए अपराध क्रमांक 197/2022, धारा 376AB, ipc 5m, 6 लैगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 पंजीबद्ध किया गया एंव अभियुक्त को दिनांक 23/06/2022 को गिरफतार किया गया
। तब से आरोपी जेल मे निरूद्ध है।
विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायाधीश (पाक्सो), जिला सिवनी के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। शासन की ओर से श्रीमति दीपा ठाकुर, विशेष लोक अभियोजक सिवनी के द्वारा गवाहो और सबूतो को प्रस्तुत किया गया
। एंव विधि संगत तर्क प्रस्तुत किए गए एंव आरेापी को कडी से कडी सजा देने एंव पीडिता को प्रतिकर दिलाये जाने की मांग भी की गई।
जिला अभियोजन अधिकारी / विशेष लोक अभियोजक के द्वारा विशेष रूचि लेकर गवाहों एवं सबूतों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया एंव तर्क दिया गया कि अभियुक्त के द्वारा मासूम पीडिता के साथ ऐसा घिनौना कृत्य किया जाना समाज में एक बुरे परिणाम की ओर इंगित करता है। जिला अभियोजन अधिकारी सिवनी के सबूतो एवं तर्को से सहमत होते हुए माननीय विशेष् न्यायाधीश महोदय द्वारा आज दिनांक 21/08 /2023 को निर्णय पारित करते हुए आरोपी कंचन चंद्रवंशी को धारा- 376(AB) भादवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एंव 1000 रूपये के अर्थदण्ड एंव धारा 5एम/6 लैगिंक अपराधो से बालको का सरक्षण अधिनियम 2012 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एंव 1000 रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । लैगिंक अपराधो से बालको का सरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 33(8) के तहत आरोपी से प्राप्त अर्थदण्ड की संपूर्ण राशि एंव पीडित प्रतिकर अधिनियम 2015 के अतर्गत पीडिता को 2,00,000 रूपये राहत राशि प्रदान करने का आदेश किया गया
। श्रीमति दीपा ठाकुर जिला अभियोजन अधिकारी
ताजासमाचार ग्रुप से जुड़ने लिंक मांग सकते हैं। वाट्सएफ नम्बर 94 2462 9494 से । या न्यूज के नीचे जाए और दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी।