भोपाल से। मध्यप्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक होने के मामले में पुलिस ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें राजधानी भोपाल के एक परीक्षा केंद्र के केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष और दो पर्यवेक्षक शामिल है, इन पर पेपर लीक करने के आरोप है। जबकि बी. कॉम का एक स्टूडेंट सोशल मीडिया पर पेपर बेचने के आरोप में पकड़ाया है।
शनिवार को छापेमारी में एमपी बोर्ड की 12वीं की केमिस्ट्री और बिजनेस एनालिसिस पेपर लीक के आरोप में भानपुर क्षेत्र के एक स्कूल केंद्र से 4 टीचर्स को गिरफ्तार किया गया। इसमें केंद्राध्यक्ष राजकुमार सक्सेना, सहायक केंद्राध्यक्ष रेखा गोयल और पर्यवेक्षक पवनसिंह व विश्वनाथ सिंह शामिल हैं।
पर्यवेक्षक पवन सिंह और विश्वनाथ ने पूछताछ में बताया कि वह कोचिंग सेंटर चलाते हैं। यहां पढ़ने वाले अपने स्टूडेंट्स को अच्छे नंबर से पास कराने के लिए वह परीक्षा से करीब आधा घंटा पहले पेपर वाट्सऐप ग्रुप पर भेज देते हैं। ताकि छात्र पेपर को पढ़कर उसके उत्तर रट लें। जिससे वह अच्छे नंबर ला सकें और उनकी कोचिंग का नाम हो।
पुलिस को आशंका है कि जब आरोपी स्टूडेंट के वाट्सऐप ग्रुप पेपर डालते हैं, तो स्टूडेंट भी किसी अन्य ग्रुप में भेजते ही होंगे। जो पेपर प्रदेश भर में लीक होने की संभावना भी है। पुलिस ने इस दिशा में भी जांच शुरू कर दी है। आरोपियों ने पूछताछ में यह भी कबूला कि वह 3 मार्च से इस तरह पेपर भेज रहे हैं। शुक्रवार को दोनों ने केमिस्ट्री और बिजनेस एनालिसिस का पेपर लीक किए थे।
क्राइम ब्रांच ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाओं के पेपर सोशल मीडिया के जरिए बेचने वाले गिरोह का भी भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने शनिवार को रायसेन के मंडीदीप से एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है। आरोपी के टेलीग्राम ग्रुप्स में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले 35 हजार स्टूडेंट्स मिले हैं। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसने अकेले 600 स्टूडेंट्स से करीब साढ़े 3 लाख रुपए पेपर देने के नाम पर ऐंठ लिए।
डीसीपी क्राइम ब्रांच अमित कुमार ने बताया कि मंडीदीप, रायसेन निवासी कौशिक दुबे को गिरफ्तार किया है। वह B.Com थर्ड ईयर का स्टूडेंट है। आरोपी ने टेलीग्राम ग्रुप में बोर्ड एग्जाम पेपर का एक लिंक जनरेट कर 600 से 1000 रुपए में स्टूडेंट को बेचा। आरोपी के पास 1 बैंक पासबुक, मोबाइल, 2 सिमकार्ड बरामद हुए हैं।
पुलिस गिरोह से जुड़े एक अन्य आरोपी को कस्टडी में लेकर भी पूछताछ कर रही है। जबकि, दो आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम सर्च कर रही हैं। पुलिस को अब तक 10-12 टेलीग्राम ग्रुप की जानकारी मिली है, जिनमें पेपर बेचने का गोरखधंधा चल रहा है। आरोपी पिछले दो साल से इस तरह की ठगी को अंजाम दे रहा था। पुलिस उससे अन्य परीक्षाओं को लेकर भी पूछताछ कर रही है।
शुक्रवार को 10वीं का अंग्रेजी का पेपर भी लीक हुआ था। इससे पहले 1 मार्च से ही सोशल मीडिया पर लगातार बोर्ड की परीक्षाओं के पर्चे लीक किए जा रहे हैं। हालांकि, इस मामले में बोर्ड ने 4 मार्च को पुलिस कमिश्नर भोपाल को शिकायत की थी।
आरोपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर माध्यमिक शिक्षा मंडल के मोनो का उपयोग कर फर्जी ग्रुप बनाया। इसके बाद 10वीं, 12वीं के प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के नाम पर वह पैसा वसूलता था। पैसे मिलने के बाद स्टूडेंट को पेपर उपलब्ध कराता था। उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पेपर टेलीग्राम ग्रुप MP BOARD HELP से प्राप्त करता था।
10वीं का विज्ञान का कथित पेपर आया सामने शनिवार दोपहर करीब 1 बजे 10वीं का विज्ञान का कथित पेपर सोशल मीडिया पर सामने आया है। 20 मार्च को 10वीं का विज्ञान का पेपर होना है। सोशल मीडिया पर जीत क्लासेस इंडिया के यूट्यूब चैनल पर एक पेपर अपलोड किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि 100% गारंटी है। एग्जाम में यही पेपर आएगा। पेपर में कई कोड भी दिखाई दे रहे हैं। इस पर विज्ञान विषय और ‘सी’ सेट लिखा नजर आ रहा है। साथ ही सीरियल नंबर 0704721 भी दिख रहा है।
यू-ट्यूब पर पेपर सॉल्व भी करके दिखाया गया। इसमें फिल इन द ब्लैंक्स, ऑब्जेक्टिव्स और समस्त सवालों के जवाब भी बताए गए। यू-ट्यूब के अलावा इसका
लिंक टेलीग्राम के ग्रुप जीत क्लासेस पर भी डाला। इस चैनल पर करीब 33 हजार से अधिक लोग जुड़े
हैं। एमपी बोर्ड के सचिव श्रीकांत भनोट का कहना है कि इस पर कोड गलत है, यह फर्जी पेपर है। ऐसे लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।
— — — — — — — — — — — — — — — — — — — — — ताजासमाचार ग्रुप से जुड़ने लिंक मांग सकते हैं। वाट्सएफ नम्बर 94 2462 9494 से । या न्यूज के नीचे जाए और दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी।