सिवनी। सिवनी जिले में जन्म लेने के बाद धर्म पताका फहराने वाले धर्मसंस्थापक, धर्मरक्षक, विश्वविख्यात जगतगुरू शंकराचार्य द्वि पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद जहाँ अब स्वामी जी के नाम से चौक चौराहों का नामकरण करने भक्त अनुयायी आगे आ रहे हैं जो अच्छी बात है। लेकिन जिला मुख्यालय स्थित बबरिया तालाब से लगा करोड़ो रूपये की लागत से शंकराचार्य जी के नाम से बना शंकराचार्य पार्क कई सालों से बदहाल पड़ा है।
जिला से 154 किलोमीटर सुदुर घँसौर जनपद की आदिवासी ग्राम पंचायत झिंझरई निवासी समाजसेवी नारायण सिंह बैजनाथ पटेल ने मीडिया के माध्यम से कलेक्टर डॉ राहुल हरिदास फटिंग से मांग की है कि बबरिया तालाब सिवनी के पास करोड़ो रूपये खर्च कर शंकराचार्य पार्क बनाया गया है। जिसे देखने, घूमने के लिए अनेक परिवार लालाइत रहते है और सुबह-शाम उक्त पार्क के समीप मार्ग पर टहलने, शुद्ध हवा लेने के लिए जाते हैं। उक्त पार्क को अन्य जिलों के सुव्यवस्थित पार्क की तरह शीघ्र ही बनाया जाए जिससे लोग पार्क मैं घूमने-फिरने बैठने के लिए यहां पहुंच सके।
शहर में पार्क के नाम से एक मात्र स्थान यही ऐसा है जहां पार्क के लिए सबसे ज्यादा जगह उपलब्ध है। इसके साथ ही यहाँ खुले में उपयुक्त स्थान पर है। इससे पहले नगर पालिका प्रशासन ने पार्क के निर्माण कार्य में रुचि दिखाई व लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर पार्क का सौंदर्यीकरण भी किया लेकिन धीरे-धीरे नगर पालिका प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते पार्क बदहाल स्थिति में पहुंच गया है।
इस पार्क में शराबियों व असामाजिक तत्वों का डेरा जमा रहता है, जिसके चलते शहरवासी पार्क में जाना छोड़ दिए हैं। इसके साथ ही पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए जो निर्माण कार्य कराए गए थे उसे भी तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है। देखरेख के अभाव में यहां लगाए गए पत्थर, लोहा, रॉड आदि चुरा लिए गए है। बाउंड्रीवाल नही होने से मवेशियों के जमावड़ा लगा रहता है। बैठने के लिए रखी गई कुर्सियों को तत्वों ने तोड़ दिया है। जगह-जगह शराब की खाली बोतलें, कांच के टुकड़े, डिस्पोजल आदि पड़े नजर आते है। पार्क निर्माण के बाद प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली।





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