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15 Oct 2025, Wed

जिले भर में हर्षोल्लास से मनाया गया गुरु पूर्णिमा पर्व

सिवनी। मुख्यालय समेत जिले में गुरु पूर्णिमा पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया।सभी मंदिरों में सुबह से देर रात तक भक्तों का तांता लगा रहा। पर्व को लेकर जिलेभर में उत्साह का वातावरण बना रहा। अनेक श्रद्धालुओं ने अपने घर पर गुरु पूजन किया। मंदिरों को पूर्णिमा पर्व को लेकर आर्कषक रूप से सजाया गया था। भगवान की विशेष सज्जा की गई।

हनुमान मंदिर में मनाया उत्सव

शहर के बाल रूप हनुमान मंदिर में बुधवार को गुरु पूजन के साथ अनेक धार्मिक आयोजन किए गए।गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर समिति के सदस्यों ने सुबह अभिषेक किया।इसके बाद गर्भगृह मे विराजमान भगवान गणेशजी, बालरूप हनुमानजी, कालभैरवजी, शिवलिंग के रूप में विराजमान भगवान भोलेनाथ, व पंचमुखी हनुमानजी का चोला श्रंगार व आरती की गई।वहीं परंपरा अनुसार गुरुदेवजी का पादुका पूजन कार्यक्रम रात किया गया।गुरूवार से यहां सावन उत्सव का प्रारंभ होगा।इस दिन सुबह 5.30 बजे मंदिर के गर्भ गृह में शिव अभिषेक के साथ प्रारंभ हो जाएगा जो पूरे सावन माह चलेगा।पूरे सावन माह में होने वाला बालरूप हनुमान मंदिर का प्रमुख कार्यक्रम सुंदरकांड का पाठ राेजाना रात 7.45 बजे से प्रारंभ होगा।बालरुप हनुमान मंदिर में पिछले करीब 23 वर्षों से निरंतर संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जा रहा है।

आचार्याें का किया सम्मान

गुरू पूर्णिमा पर विवेकानंद बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने आचार्याें का तिलक वंदन व उपहार देकर सम्मान किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुजीत जैन ने कहा कि जब आप माता पिता के रूप में है तब आप अपने बच्चाें के गुरू है। पूरी दिनचर्या का मनन चिंतन प्रतिदिन करना चाहिए कि हमनें क्या सीखा। प्रतिदिन विद्यालय में एक नई चीज सिखाना चाहिए।

हनुमान घाट में किया महाप्रसाद का वितरण

शहर के हनुमान घाट में समाज सेवी अंकित -अनिकेत मालू के पिता प्रमोद चंद मालू कि दूसरी पुण्य तिथि पर स्वल्पाहार व महाप्रसाद वितरण किया गया। साथ ही विशालकाय गदा की पूजा कर खीर का भोग लगाकर कन्याओं को वितरण किया गया।वहीं गुरु की स्तुति स्वरूप पौधरोपण व मछलियाों भोजन दिया गया।

लखनादौन में शिष्यों ने की गुरूओ की चरण वंदना

लखन कुवर की नगरी लखनादौन में बुधवार को गुरु पूर्णिमा पर्व मनाय गया। इसमें शिष्यों ने अपने गुरूओ का चरण वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं गुरूओं ने भी आशीर्वाद प्रदान कर शिष्यों व स्वजनों के कल्याण की बात कही। इस मौके पर शास्त्री जुगल किशोर पांडे के निरामयम ज्योतिष कार्यालय में सुबह से ही शिष्यों ने गुरू पूजन के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।शिष्यों ने अपने गुरु की विशेष पूजा कर और उन्हें यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प,वस्त्र,फल सहित अन्य सामग्रियां भेंट की। सुबह से ही गुरु के आशीर्वाद के लिए भक्तों का ताता लगा रहा।माना जाता है कि आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस मौके पर अपने शिष्यों को शास्त्री जुगल किशोर पांडे ने  कहा कि पूर्णिमा के दिन माता पिता, किसी बुजुर्ग या स्त्री का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। दरअसल, गुरु पूर्णिमा अपने से बड़ों को सम्मान करने की सीख देती है, लेकिन इस दिन ही क्या सामान्य जीवन में भी बुजुर्गों का अपमान करने का रवैया आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसीलिए हमेशा अपने से बड़ों का सम्मान करें।

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