सिवनी। प्रार्थी शेख पीर कुरैशी के मुताबिक पैतृक जमीन का बंटवारा कराने उसने आठ माह पहले जुलाई 2021 में आवेदन दिया था। तब से विभिन्न दस्तावेजों की कमी बताकर प्रार्थी को पटवारी द्वारा लगातार चक्कर लगावाए जा रहे थे। इस परेशानी से निजात पाने के लिए त्रस्त होकर वह पटवारी को 15 हजार रुपये की रिश्वत देने तैयार हो गया। पहले रिश्वत के तौर पर 30 हजार रुपये मांगे गए थे।
मांगा जा रहा था 34 साल पुराना दस्तावेज – केवलारी गांव निवासी प्रार्थी शेख पीर पुत्र शेख हाफिज कुरैशी ने बताया कि, उसकी चार एकड़ पैतृक कृषि भूमि केवलारी से मझगवां मुख्य मार्ग पर देवरीटीका गांव से लगी है, जिसकी बाजारू कीमत बहुत अधिक है। इस जमीन का बंटवारा सात भाईयों के बीच परिवार में होना है। इसके लिए देवरीटीका के पटवारी कौशल किशोर राजपूत के पास बंटवारे का आवेदन आठ माह पहले किया गया था। आवेदन के बाद से लगातार पटवारी द्वारा जमीन से जुड़े कई तरह के दस्तावेज मांगे गए। पैतृक जमीन पर संजय सरोवर भीमगढ़ बांध की शाखा नहर भी निकली है, जिसका मुआवजा प्रकरण सन 1988 में तैयार हुआ था। सिंचाई विभाग द्वारा करीब 34 साल पहले नहर के लिए पारित किए गए अवार्ड मुआवजा आदेश लाकर देने की मांग पटवारी द्वारा की जा रही थी। इसके लिए बीते कई महीनों से वह सिंचाई विभाग और अपर कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहा था।
नहीं मिला दस्तावेज, फिर मांगी रिश्वत- प्रार्थी शेख पीर कुरैशी ने बताया कि, केवलारी सिंचाई विभाग के काफी प्रयास के बाद अवार्ड संबंधी दस्तावेज नहीं मिला। प्रार्थी तीन बार दस्तावेज निकलवाने सिवनी स्थित अपर कलेक्टर कार्यालय गया लेकिन कार्यालय में 1998 से रिकार्ड उपलब्ध था। काफी प्रयासों के बाद पारित अवार्ड की तिथि 2 फरवरी 1988 की जानकारी मिलने पर इसके बारे में पटवारी को बताया गया। करीब छह से सात माह तक दस्तावेज नहीं मिलने पर पटवारी ने रुपयों की डिमांड शुरू कर दी। इतना ही नहीं बंटवारा की जाने वाले पैतृक जमीन बेचने के लिए भी कहा गया। इस सब से परेशान होकर प्रार्थी ने मामले की शिकायत लोकायुक्त में दर्ज कराई।
छानबीन के बाद होगी आगे की कार्रवाई- लोकायुक्त दल के अधिकारियों का कहना है कि, पटवारी द्वारा अभी रिश्वत किसके लिए मांगी गई थी, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। पटवारी का कहना है कि, उसने प्रतिवेदन तैयार कर आगे बढ़ा दिया था।पटवारी कार्यालय से जब्त प्रकरण के दस्तावेजों की विस्तृत जांच की जा रही है। परीक्षण के दौरान यदि किसी अन्य व्यक्ति या वरिष्ठ अधिकारी के इसमें शामिल होने संबंधी तथ्य पाए जाते हैं, तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल धनौरा तहसील के देवरीटीका में पदस्थ हल्का पटवारी कौशल किशोर राजपूत के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
इस मामले में जेपी वर्मा, डीएसपी लोकायुक्त दल जबलपुर का कहना है कि 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हल्का पटवारी कार्यालय धनौरा में पटवारी कौशल किशोर राजपूत को रंगे हाथ पकड़ा गया है। इस मामले में जांच की जा रही हैं, प्रकरण से जुड़े दस्तावेज लोकायुक्त दल में जब्त कर लिए हैं।
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