सिवनी

उद्देश्य से भटका पुस्तकालय भवन, घर से पुस्तकें लाकर पढ़ रहे विद्यार्थी, सदस्यों को बैठने के लिए नही मिल रही कुर्सी

सिवनी। नगर के दलसागर तालाब के सामने मुख्य मार्ग से लगे शासकीय पुस्तकालय वर्तमान में अपने मुख्य उद्देश्य से भटक गया है। यहां सुबह से रात तक बड़ी संख्या में युवक-युवतियां अपने घरों से स्कूल-कॉलेज की कॉपी-पुस्तक लेकर पढ़ाई करने आते हैं। इसके साथ ही ऑनलाइन होने वाली पढ़ाई में भी वे अपने साथ मोबाइल लेकर आते हैं और ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं। जिसके कारण पुस्तकालय में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के पहुंचने से अब यहां पुस्तकालय में जिन्होंने सदस्यता ली है ऐसे सदस्यों को बैठने के लिए कुर्सी तक नसीब नहीं हो रही है। जिन छात्र-छात्राओं को अपने घरों में पढ़ना चाहिए वह यहां कापी, पुस्तक लाकर पढ़ाई कर रहे हैं जबकि पुस्तकालय में स्थित पुस्तकों को लेकर पढ़ने का प्रावधान है, इसके ठीक उल्टा यहां कार्य हो रहा है। वर्तमान में पुस्तकालय एक अध्ययन केंद्र के रूप में बन गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुस्तकालय का उद्घाटन 5 नवंबर 2020 को हुआ था यहां पर लगभग 20 हजार से ज्यादा पुस्तकें हैं। इन पुस्तकों को यहां पढ़ने की सुविधा नागरिकों को दी गई है। इसके साथ ही 502 रुपये जमा करके आजीवन सदस्य लेने वाले ऐसे लगभग 234 सदस्यों को वर्तमान में पुस्तकालय के हाल में बैठने के लिए और पुस्तकालय की पुस्तक पढ़ने के लिए कुर्सी टेबल नसीब नहीं हो रही है

अब सदस्यों को यह समझ नहीं आ रहा कि वह इस मामले की शिकायत करें भी तो किससे करें। पुस्तकालय सुबह 8:00 बजे से रात 8:00 बजे तक लगातार संचालित होता है, जिसमें लंच ब्रेक भी नहीं होता है। पुस्तकालय में सबसे ज्यादा समस्या आजीवन शुल्क देकर सदस्यता ग्रहण करने वाले सदस्यों को हो रही है। यहां लगभग 150 कुर्सी व 25 टेबल हैं जो सुबह से शाम तक छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में ही भरी रहती हैं। शिक्षा विभाग के साथ ही नगर पालिका का संयुक्त रूप से पुस्तकालय का संचालन वर्तमान में हो रहा है। वही सुबह 8:00 बजे से 10:00 बजे तक प्रतियोगिता परीक्षाओं की कोचिंग भी यहां संचालित होती है। वही कुछ अभिभावकों ने बताया कि उनकी पुत्र-पुत्रियां पुस्तकालय जाने की बात कह कर वे यहां पहुंचते तो हैं और रजिस्टर में नाम दर्ज करा कर यहाँ से कही ओर अन्यंत्र शहर में घूमते फिरते भी रहते हैं। इस मामले में कुछ अभिभावकों ने पुस्तकालय जाकर जब देखा तो वहां बकायदा युवती का नाम रजिस्टर में लिखा था लेकिन उनकी पुत्री पुस्तकालय में कहीं नजर नहीं आई। इसके साथ ही कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि यहां पर बड़ी संख्या में युवक-युवती पढ़ाई के नाम पर कापी-पुस्तक लेकर आते हैं और कुछ ऐसे युवक-युवती हैं जो प्रेम प्रसंग में डूबे रहते हैं। यहां वे आमने-सामने बैठकर कुछ युवक-युवती व्हाट्सएप में ही चैटिंग करते रहते हैं। घर से पुस्तक लाकर पुस्तकालय में पढ़े जाने से एक और जहां पुस्तकालय के सदस्यों को बैठने की कुर्सी नहीं नसीब हो रही है वहीं छात्र-छात्राओं के अधिक संख्या में बैठे रहने से कोविड-19 कोरोना वायरस की गाइडलाइन का पालन भी यहां होता नजर नहीं आ रहा है। पुस्तकालय वर्तमान में अध्ययन केंद्र बन चुका है। नागरिकों ने कलेक्टर से मांग की है कि पुस्तकालय में सदस्यों को पुस्तक पढ़ने व कुर्सी टेबल का उपयोग कर पुस्तकालय का लाभ लेने के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जाए। घर से काफी पुस्तक लेकर आकर यहां अपने कोर्स की पढ़ाई करने वालों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाए जाने की भी मांग की गई है। वही पुस्तकालय में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन की भी मांग की गई है, ताकि किसी प्रकार का विवाद की स्थिति उत्पन्न ना हो। ऐसी स्थिति में यहां सुरक्षा के भी बंदोबस्त नजर नहीं आ रहे हैं। सुरक्षा की व्यवस्था बनाए जाने की भी मांग की गई है।

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