सिवनी। वर्तमान में जनपद पंचायत केवलारी में पदस्थ व जनपद पंचायत की तत्कालीन सीईओ सुमन खातरकर के खिलाफ ईओडब्लू ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत गुरुवार को मामला दर्ज किया है। मामला जब ईओडब्लू के पास पहुंचा तो प्रथम दृष्टया मामला गंभीर मानते हुए सीईओ खातरकर और अन्य के खिलाफ अपराध क्रमांक 71/2021 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित 2018 की धारा 7 (सी) के तहत मामला दर्ज किया गया।
यह मामला लंबित बिलों के भुगतान से जुड़ा हुआ है। जिले में किसी सीईओ के खिलाफ इस तरह की यह पहली बड़ी कार्रवाई है। खातरकर इस समय केवलारी जनपद पंचायत की सीईओ हैं। इस कार्रवाई के बाद पंचायत महकमे में हड़कंप मच गया।
जानकारी के अनुसार सिवनी जनपद में विभिन्न मदों से कार्य कराए गए थे। इसके लिए बिल पंचायत में लगाए गए थे लेकिन निर्माण कार्यों में मनमानी को लेकर कई आपत्ती थी। इसको देखते हुए बिलों के भुगतान लंबित रखे गए । तत्कालीन सीईओ सुमन खातरकर ने 27 जुलाई 19 को आरके कोरी को सीईओ को पद भार सौंपा दिया। कोरी ने 7 और 13 अगस्त को पदभार लेने की सूचना सेंट्रल बैंक को दे दी थी। इसके बाद भी खातरकर ने 24,25 और 26 अगस्त को लंबित पड़े 1.67 करोड़ के बिलों का भुगतान नियम विपरीत कर दिया।
सिवनी जनपद के अंतर्गत आने वाली 129 ग्राम पंचायतों में मनमाने कामों को लेकर कई शिकायतें हैं। हैरानी की बात यह है कि शिकायतों के बाद भी किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होती। अधिकांश काम ठेकेदारी प्रथा से कराए जाते रहे हैं। यहां पर हर पंचायत के लिए ठेकेदार फिक्स हैं। अधिकांश काम पुलिया निर्माण से जुड़े हैं। वहीं दूसरी और मरम्मत के नाम से भी मनमाने बिल लगाए गए हैं।
ईओडब्लू में मामला दर्ज होने के बाद जांच शुरु पर जनपद के कई अधिकारी जांच में फंस सकते हैं। इसमें वे कर्मचारी शामिल होने की संभावना है जो लंबे समय से एक ही कुर्सी पर चिपके हुए हैं। इसमें एकाउंटेंट व लेखा शाखा के कई कर्मचारी जद में आ सकते हैं। फिलहाल ईओडब्लू ने खातरकर के खिलाफ मामला दर्ज किया है साथ ही अन्य को शामिल किया गया है।
सिवनी जनपद पंचायत में जिन 170 कामों के बिलों के भुगतान का जिक्र किया गया है वह संदेह के घेरे में है। ये काम हुए हैं या नहीं इसको लेकर अभी तक जांच भी नहीं की गई। ऐसे में बिलों को भुगतान के लिए जनपद में सौंपा गया। हैरानी की बात यह है कि बिना किसी जांच के बिलों का भुगतान कर दिया गया। ऐसे में स्थानीय ठेकेदारों के अलावा, उपयंत्रियों और एसडीओ की भी भूमिका संदिग्ध बनी है।
जानकारी के अनुसार जिन 170 निर्माण कार्यों के भुगतान किया गया है वह शासन के नोडल बैंक खाते से किया गया। भोपाल के अरेरा हिल्स स्थित बैंक ऑफ इंडिया के खाता क्रमांक 900710210000005 से बिलों का भुगतान किया गया है। यह पूरा खेल तीन दिनों के भीतर हो गया। मामला जब ईओडब्लू के पास पहुंचा तो प्रथम दृष्टया मामला गंभीर मानते हुए सीईओ खातरकर और अन्य के खिलाफ अपराध क्रमांक 71/2021 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित 2018 की धारा 7 (सी) के तहत मामला दर्ज किया गया।
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