धर्म सिवनी

कोरोना काल की मायूसी के बाद अब सिवनी में दुर्गोत्सव की रहेगी धूम, सज गए मातारानी के दरबार

सिवनी। कोरोना ओर कोरोना काल के दौरान लगे लॉकडाउन में जहां लोगों का जीवन कैद हो गया था, भय, दुःख के वातावरण में जी रहे लोगो के सामान्य हुए जीवन में अब जगह जगह माँ दुर्गा प्रतिमाओं के आकर्षक पंडाल पुनः पूर्व की भांति सज गए है। आकर्षक लाइट से साज सज्जा किये जाने से लोगों के मन में एक बार पुनः आशा, उत्साह जाग गया है। सभी ओर उत्साह का वातावरण निर्मित हो गया है, लोग आनंदित आह्लादित हो गए हैं।

गुरुवार से शुरू हो रहे शारदेय नवरात्र को लेकर जिले भर में मातारानी के दरबार सजने लगे हैं। शहर के प्रमुख मंदिरों में आयोजन को लेकर साफ-सफाई व रंगाई पुताई के साथ मातारानी के श्रृंगार को अंतिम रूप देने में कारीगर दिनरात जुटे हैं। जगह-जगह नवदुर्गा महोत्सव सहित विभिन्न् कार्यक्रमों के लिए पंडाल सज रहे हैं। वहीं बाजारों में भी पूजन सामग्री की दुकानें सज गईं हैं।

मंदिरों में की जा रही तैयारियां- शहर के दुर्गा चौक स्थित राजराजेश्वरी मंदिर, माता दिवाला, विंध्यवासिनी मंदिर, मरहाई माता मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में रंगाई पुताई सफाई के साथ अन्य तैयारियां की जा रही है। नवरात्र के दौरान हर दिन मातारानी का श्रृृंगार किया जाएगा। रंगबिरंगी लाइटों से मंदिर परिसर की सजावट की जा रही है।

अंतिम रूप दे रहे मूर्तिकार- नवरात्र शुरू होने में आब एक दिन का समय रह गया है। इसे देखते हुए मूर्तिकारांे ने मातारानी की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने का काम तेजी से शुरू कर दिया है। शहर में लगभग आधा सैकड़ा स्थानों पर मातारानी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मूर्तिकारों में दिनेश सिंह ठाकुर, विधान सिंह ठाकुर ने बताया है कि पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना संक्रमण के कारण प्रतिमा बनाने में लगने वाली सामग्री महंगी होने के कारण उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। हालांकि पिछले साल की अपेक्षा इस साल प्रतिमाओं के ऑर्डर ज्यादा मिले हैं। वहीं उन्होंने बताया कि कोरोना काल के पहले की तुलना में आर्डर कम है।

मूर्तिकारों का कहना है कि समय पर शुभ मुहूर्त में स्थापना के लिए प्रतिमाएं देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। कारीगर दिन रात प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने का कार्य कर रहे हैं। वहीं मूर्तिकारों ने सरकार से मांग की है कि कोरोना काल में कुछ साथियों के माता-पिता का देहान्त हो गया है। मंहगाई की मार से आर्थिक तंगहाली से परेशान हैं ऐसे में मूर्तिकारों, कलाकारों को सरकारी मदद मिलनी चाहिए। सरकारी की ओर से बीमा किया जाए।

सज रहे आकर्षक दरबार- शहर में जगह-जगह सार्वजनिक दुर्गा पूजा उत्सव समितियों द्वारा मातारानी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए आकर्षक दरबार (मंडप) सजाए जा रहे हैं। शहर के छिंदवाड़ा चौक, महावीर मढ़िया, छिंदवाड़ा रोड रेलवे क्रॉसिंग, छोटी पुलिस लाइन, बारापत्थर, शुक्रवारी, बरघाट रोड, नागपुर रोड, जबलपुर रोड सहित शहर के अन्य स्थानों में पंडालों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पंडाल में आकर्षक साज सज्जा की जा रही है। वहीं शहर की सड़कों में भी दूर-दूर तक आकर्षक लाइटिंग करने का काम तेजी से किया जा रहा है।

2 वर्ष पूर्व तक शहर का दशहरा आसपास के जिलों में खासा महत्व रखता था। कोरोना संक्रमण के कारण अब अनेक बंदिशों के बीच दशहरा व रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

कोविड संक्रमण रोकथाम के लिए नवीन प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

प्रदेश शासन के गृह विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुपालन में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ. राहुल हरिदास फटिंग ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में निहित शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए आम जनता की सुविधा, स्वास्थ्य सुरक्षा शांति एवं कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए सम्पूर्ण जिला सिवनी राजस्व सीमा में निम्नानुसार प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं-

जारी आदेशानुसार सभी सामाजिक / राजनैतिक / खेल / मनोरजन / सांस्कृतिक / धार्मिक आयोजन / मेले / धार्मिक चल समारोह आदि, जिनमें जनसमूह एकत्र होता है, प्रतिबंधित रहेंगे।

समस्त कोचिंग संस्थान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा तक संचालित किए जा सकेंगे। दिनांक 15.10.2021 से 100 प्रतिशत की क्षमता पर कोचिंग संस्थान एवं प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो सकेंगे। इस के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कोचिंग संस्थान के संचालक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजक को सुनिश्चित कराना बंधनकारी होगा। समस्त धार्मिक / पूजा स्थल की क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा तक श्रद्धालु / अनुयायी उपस्थित रहेंगे। समस्त प्रकार की दुकाने, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय, शॉपिंग मॉल, जिम अपने नियत समय तक खुल सकेंगे सिनेमा घर एवं थियेटर कुल क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा तक संचालित किये जा सकेंगे। उपरोक्त हेतु कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन बंधनकारी होगा।

समस्त वृहद, मध्यम लघु एवं सूक्ष्म उद्योग अपनी पूर्ण क्षमता पर कार्य कर सकेंगे तथा निर्माण गतिविधियों सतत् चल सकेंगी। जिम फिटनेस सेन्टर, योगा केन्द्रों का संचालन इनकी क्षमता के 50 प्रतिशत की क्षमता तक कोविड
प्रोटोकॉल का पालन करते हुए संचालित किये जा सकेंगे। 15.10.2021 से 100 प्रतिशत क्षमता पर उपरोक्त संचालन किया जा सकेगा। समस्त खेलकूद के स्टेडियम एवं स्वीमिंग पूल खुल सकेंगे तथा खेल आयोजनों में स्टेडियम / दर्शक
दीर्घा में क्षमता के 50 प्रतिशत तक दर्शक शामिल हो सकेंगे। समस्त रेस्टोरेंट एवं क्लब 100 प्रतिशत क्षमता के कोविड 19 प्रोटोकॉल की शर्त का पालन करते हुए खुल सकेंगे।

विवाह आयोजनों में दोनों पक्षों के मिलाकर अधिकतम 300 अतिथि / व्यक्ति शामिल हो सकेंगे। आयोजन में कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु समस्त प्रोटोकॉल का पालन किया जाना आयोजकों द्वारा सुनिश्चित कराया जायेगा। अंतिम संस्कार में अधिकतम 200 व्यक्तियों की उपस्थिति की अनुमति रहेगी।

जारी आदेशानुसार प्रतिमा / मूर्ति के लिए पण्डाल का आकार अधिकतम 30X45 फीट नियत किया गया है। झांकी निर्माताओं को आवश्यक रूप से यह सलाह दी जाती है कि वे ऐसी झांकियों की स्थापना व प्रदर्शन नहीं करें, जिनमें संकुचित जगह (Constricted Space) के कारण श्रद्धालुओं / दर्शकों की भीड़ की स्थिति बने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना हो सकें। झांकी स्थल पर श्रद्धालुओं / दर्शकों की भीड एकल नहीं हो तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन हो इनको व्यवस्था आयोजकों को सुनिश्चित करनी होगी। रावण दहन के पूर्व परम्परागत श्रीराम के चल समारोह प्रतिकात्मक रूप से अनुमत्य होगा। रामलीला तथा रावण दहन के कार्यक्रम खुले मैदान में मास्क तथा सोशल डिस्टेसिंग की शर्त पर आयोजन समिति द्वारा सम्बंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी की पूर्वानुमति प्राप्त कर आयोजित किये जा सकेंगे। रामलीला का आयोजन मैदान / हॉल की क्षमता की 50 प्रतिशत सीमा तक दर्शक शामिल हो सकेंगे। रावण दहन के वृहद आयोजन, जिसका स्वरूप मेले समान होता है, की अनुमति नहीं होंगी।

गरबा का आयोजन सोसायटियों / कॉलोनियों / मोहल्लों में मोहल्ला वासियों / कॉलोनी वासियों की आयोजन समिति द्वारा आयोजन स्थल की क्षमता के 50 प्रतिशत की क्षमता तक की उपस्थिति में सम्बंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को सूचित कर आयोजित किया जा सकेगा। व्यावसायिक स्तर पर वृहद स्वरूप के गरबा आयोजन प्रतिबंधित रहेगें।

मूर्ति का विसर्जन सम्बंधित आयोजन समिति द्वारा किया जाएगा। विसर्जन स्थल पर ले जाने के लिए अधिकतम 10 व्यक्तियों के समूह की अनुमति होगी। इसके लिए आयोजकों को पृथक से सम्बंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा। मूर्ति का विसर्जन जिला प्रशासन / सम्बंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा चिन्हित किए गए स्थानों पर ही किया जा सकेगा। कोविड संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए धार्मिक / सामाजिक आयोजन के लिए चल समारोह प्रतिबंधित रहेंगें। विसर्जन के लिए सामूहिक चल समारोह भी अनुमत्य नहीं होगा। सार्वजनिक स्थानों पर कोविड संक्रण से बचाव के तारतम्य में झांकियों / पण्डालों / विसर्जन क आयोजनों में श्रद्धालु / दर्शक फेस कबर (मास्क), सोशल डिस्टेसिंग एवं सेनेटाईजर का प्रयोग के साथ ही राज्य शासन, जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।

अंतरराज्यीय (Inter State) तथा राज्यातंरिक(Intra State) व्यक्तियों, माल (goods) एवं सर्विसेज का आवागमन निर्बाध रहेगा। सम्पूर्ण जिले के समस्त नगरीय क्षेत्रों में रात्रि 11.00 बजे से प्रातः 08.00 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा।अनुमत्य आयोजनों / समारोहों में डी.जे. / बैंडबाजे की माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधीन रात्रि 10.00 बजे तक उपयोग को अनुमति रहेगी।

यदि कोई व्यक्ति, दुकानदार आयोजन समिति / आयोजन मंडल आदि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करता नहीं पाया जाता अथवा उपर्युक्त आदेश का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के तहत अभियोजन की कार्यवाही की जावेगी। ये आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील रहेगा एवं इस आदेश का उल्लंघन धारा 188 भारतीय दण्ड विधान एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आवेगा। उपर्युक्त आदेश दिनांक 30 नवम्बर, 2021 तक प्रभावशील रहेगें।

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