सिवनी। भारतीय महिला फेडरेशन सिवनी की महासचिव किरण प्रकाश ने बताया कि वर्तमान समय में महिलाओं के लिए लोकसभा और विधानसभाओं के लिए किसी भी प्रकार का आरक्षण नहीं है जिससे राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बहुत कम है। भारतीय महिला फेडरेशन ने बहुत पहले से मांग की है कि महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए यथा सामाजिक आर्थिक राजनीतिक विकास के लिए महिलाओं की राजनीतिक क्षेत्र में भागीदारी होना अति आवश्यक है। महिलाओं और प्रगतिशील विचार के लोगों के कारण 25 साल पहले लोकसभा में महिलाओं को 33% आरक्षण देने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था परंतु अभी तक महिलाओं की इन मांगों पर किसी तरह भी विचार नहीं किया गया केवल बातों का जमा खर्च होते रहता है की देश की जनसंख्या का आधा भाग महिलाओं के लिए कम से कम 33 प्रतिशत आरक्षण होना चाहिए परंतु वर्तमान समय में पुराने विचारों पर विश्वास करने वाली मोदी सरकार भारी बहुमत होने के बाद भी महिलाओं के लिए 33 परसेंट आरक्षण नहीं दे रही है।
राहुल कुमार मीडिया प्रभारी ने बताया कि महिलाओं के लिए आरक्षण देने के लिए मांग करने हेतु भारतीय महिला फेडरेशन का एक कार्यक्रम सिवनी में 12 सितंबर को 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रखा गया जिसे कामरेड डीडी वासनिक कामरेड ओमप्रकाश बोर्डे माया गढ़वाल शकुन चौधरी रजनी गोखले सुचिता बोधी विजय श्री बोधि, प्रभा बोधी आदि ने संबोधित किया तथा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर केंद्र की मोदी सरकार से मांग की है कि महिलाओं के लिए राजनीतिक क्षेत्र में आगे आने के लिए विधानसभा विधान परिषद राज्यसभा लोकसभा आदि में भागीदारी के लिए 33% आरक्षण लागू किया जावे सबसे पहले लोकसभा में कामरेड गीता मुखर्जी ने यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जिसे पास करने की आज अति आवश्यकता है।
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