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सिवनी। गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले नन्हें विद्यार्थियों को स्कूल में सभी सुविधाएं मिल सके इसके लिए शासकीय मदद से शाला भवन निर्माण के साथ मध्यान भोजन कक्ष व शौचालय कमरों का निर्माण कराया जाता है लेकिन स्कूल प्रबंधन, पंचायत की लापरवाही अनदेखी के चलते अच्छे खासे भवन कमरों की दशा बदतर हो रही है। गांव के विद्यार्थियों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसा ही नजारा नगर सीमा से लगे ग्राम पंचायत बिठली के गांव राघादेही में एक निजी कंपनी द्वारा बनाया गया आधुनिक सुव्यवस्थित शौचालय पूरी तरह से बदहाल हो गया है।

टूटा दरवाजा – शासकीय प्राथमिक शाला राघादेही में लगभग 2 साल पहले स्कूल परिसर में छात्रों के लिए आधुनिक सुव्यवस्थित शौचालय बनाया गया था। स्कूल के हेड मास्टर ने बताया कि एक निजी कंपनी एल एंड टी कंपनी द्वारा लाखों रुपए की लागत से शौचालय कक्ष का निर्माण कर स्कूल को निशुल्क हस्तांतरित किया गया। लेकिन देखरेख के अभाव में उक्त शौचालय का एक दरवाजा लगभग एक माह से टूटा पड़ा है। शौचालय कक्ष में लघु शंका के लिए तीन व हाथ धोने के लिए दो बाथबेसिंग के साथ एक लैट्रिंग सीट के साथ शौचालय कछ बनाया गया है। इस के बाजू में छात्राओं के लिए भी उचित शौचालय कक्ष बनाया गया है। चीनी मिट्टी के महंगे सीट, पाइप, बिजली फिटिंग, बोर्ड आदि लगाकर अलग-अलग दो कमरे बनाए गए हैं जो अब बदहाल स्थिति स्थिति में पहुंच रहे हैं।
जानवरों ने की गंदगी – छात्रों के लिए बनाए गए शौचालय का दरवाजा पिछले एक माह से टूटे होने के कारण इस कमरे में बकरी व अन्य मवेशियों के घुसने व गोबर पेशाब करने से कमरा बुरी तरह से गंदा है। गंदगी व दुर्गंध से कमरा काफी गंदा हो गया है। गंदगी इतनी ज्यादा हो गई है कि यहां छात्र अंदर जाने से कतराएगे। वही टूटा दरवाजा किसी के ऊपर गिर जाए इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता है।

बाउंड्रीवॉल विहीन स्कूल परिसर – राघादेही गांव में वर्ष 1979 को प्राथमिक स्कूल की स्थापना की गई थी, वही स्कूल भवन का निर्माण वर्ष 1985-86 में किया गया। एक और जहां अनेक सरकारी स्कूलों में बाउंड्रीवाल का निर्माण करा दिया गया वहीं राघादेही स्कूल में आजतक बाउंड्रीवाल नहीं बनी है। जिसके कारण भी स्कूल परिसर व शौचालय कक्ष में गंदगी का आलम बना हुआ है।
कमरों में टपक रहा पानी – प्राथमिक स्कूल भवन के चार कमरों में से तीन कमरों की छत से बारिश का पानी अंदर कमरों में टपकता है, जिसके कारण उक्त कमरे में अध्यापन कार्य में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्कूल भवन की छत पर गांव के कुछ असामाजिक तत्व चढ़ जाते हैं, जिससे छत भी कमजोर हो रही है वही पुराने शौचालय की छत का सीमेंट भी झड़ गया है। व कुछ हिस्सा बाहर लटक कर झूल रहा है जो कभी भी नीचे गिर सकता है। इसकी चपेट में आने से कोई भी छात्र घायल हो जाए इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।
जगह-जगह गाजर घास – स्कूल परिसर के आसपास बड़ी मात्रा में घास, गाजरघास के उगने से विद्यार्थियों व शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शौचालय के सामने काफी मात्रा में बड़ी-बड़ी घास उगी है। समुचित साफ-सफाई का अभाव बना हुआ है।
इनका कहना है
एल एंड टी कंपनी ने छात्रों की सुविधा के लिए आधुनिक सुव्यवस्थित शौचालय बना कर दिया है। पिछले 1 माह से एक दरवाजा चौखट से अलग हो गया है। इसे सुधारा जाएगा। साथ ही बाउंड्रीवाल निर्माण व छत की मरम्मत के लिए पंचायत को कई बार पत्र लिखा गया है लेकिन इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। बसंत चौरसिया, प्रधानपाठक प्राथमिक माध्यमिक शाला राघादेही बिठली, सिवनी।




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