जिला अस्पताल परिसर में डटी नर्सेस, जमकर की नारेबाजी, स्वास्थ्य व्यवस्थाएं लड़खड़ाई

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सिवनी। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय सिवनी परिसर में गुरुवार को सुबह 8:00 बजे सभी नर्सेस एकत्रित होकर हाथों में बैनर तख्ती पोस्टर लिए धरने पर बैठ गई। नर्सों ने जमकर नारेबाजी की, वही नर्सों के हड़ताल पर चले जाने से जिला अस्पताल समेत जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ा गई हैं।

नर्सेस एसोशियेशन प्रातीय निकाय भोपाल मध्यप्रदेश के आव्हान पर नर्सेस की लंबित मांगों को लेकर शासन व प्रशासन को समय-समय पर अवगत कराया जाता रहा है किंतु आज दिनांक तक नर्सेस की मांगों पर विचार नहीं किया गया है। जिसके चलते 01 जुलाई 2021 से अनिश्चित कालीन हड़ताल का सर्वसम्मति से निर्णय लेकर नर्सेज हड़ताल पर बैठ गई हैं।

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर शामिल मेट्रन बी. नायक, शशि जयसवाल, स्टाफ नर्स, नम्रता गड़पाल, प्राची सुनेरी, जुगेश्वरी जिला अध्यक्ष एच नागा, कोषाध्यक्ष एम. समुअल, सचिव एम. वर्गीश, स्टाफ नर्स सरिता बागड़े, इंचार्ज सी. खान एवं समस्त स्टाफ नर्सेस ने बताया कि लंबित मांगे अभी तक पूरी नहीं हुई है जिसके चलते नर्सेज में खासा आक्रोश व्याप्त है उन्होंने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।

नर्सेस एसोसिएशन मध्य प्रदेश के पदाधिकारियों ने बताया कि शासन व प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से नर्सेस की लंबित मांगों को लेकर समय-समय पर अवगत कराता आ रहा है। आज दिनांक तक नर्स की मांगों पर विचार नहीं किया गया।

नर्सेस की कोविड-19 में पूर्ण समर्थन के साथ अपना दायित्व पूरे ईमानदारी से निभाने के चलते मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा एवं सभी प्रशासनिक अधिकारियों से यह मांग की है कि नर्सेस की मांगों को एक मंच पर लाकर उनका निराकरण करने की कृपा करें।
अपनी विभिन्न मांग में 1. उच्च स्तरीय वेतनमान (2nd grade) अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में कार्यरत समस्त नर्सेस को दिया जाए। पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजन को अनुकंपा नियुक्ति देने के साथ 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्धा अवार्ड से सम्मानित किया जाए।
कोरोना काल में शासन स्तर पर जितनी भी घोषणा की गई उन पर अमल नहीं किया गया। कोविड-19 में नर्सेस को सम्मानित करते हुए अग्रिम दो वेतन वृद्धि का लाभ उनकी सैलरी में लगाया जाए। 2018 के आदेश भर्ती नियमों में संशोधन करते हुए 70%, 80% एवं 90% का नियम हटाया जाए एवं प्रतिनियुक्ति समापत कर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू की जाए।
सरकारी कॉलेजों में सेवारत रहते हुए नर्सेस को उच्च शिक्षा हेतु आयु बंधन हटाया जाए एवं मेल नर्स को समान अवसर दिया जाए।

कोरोना काल में अस्थाई रूप से भर्ती की गई नर्सेस को नियमित किया जाए एवं प्राइवेट कम्पनी से लगाई गई नसों को भी उनकी योग्यता के अनुसार नियमित किया जाए। कोरोना काल में इनके योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता।
मध्यप्रदेश में कार्यरत नर्सेस को एक ही विभाग में समान कार्य के लिए समान वेतन मान दिया जाए।
वर्षो से लंबित पड़ी पदोन्नति को शुरू करते हुए नसेस की पदोन्नति की जाए और नर्सेस को डेजिग्नेशन प्रमोशन दिया जाए एवं अन्य राजों की तरह नर्सेस के पद नाम परिवर्तित किए जाएं।
मेल नर्स की भर्ती की जाए।
स्वशासी में पदस्थ नर्सेस को 7वीं पे कमीशन का लाभ सन 2018 के बजाय सभी कर्मचारियों की भांति सन 2016 से दिया जाये।
शासकीय नर्सिंग कॉलेज व स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं को कलेक्ट्ररेट पर मानदेय दिया जाये, लागत 18000 रूपये माह दिया जाए।

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