न्याय से अर्जित धन ही फलीभूत होता है : आचार्य हितेन्द्र पाण्डेय

सिवनी। जैसे-जैसे व्यक्ति का आचार-विचार शुद्ध होता है वह व्यक्ति धर्म के मार्ग पर धीरे-धीरे प्रशस्त होता है और उसका मन ईश्वर के प्रति जुड़ने लगता है। उक्ताशय की बात आचार्य श्री हितेन्द्र पाण्डेय जी काशी (मातृधाम) ने विकासखंड केवलारी के गांव पांजरा खेरमाई मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद् देवी भागवत पुराण में मंगलवार को कहीं।

उन्होंने आगे कहा कि मां आदिशक्ति ने दुर्गा के रूप में अवतार लिया था। उनका यह अवतार दानवों के संहार के लिए हुआ था। उन्होंने ऐसे दानवों से पृथ्वी व स्वर्ग को मुक्त कराया, जिनका संहार करना देवताओं के वश में नहीं था। शास्त्री जी ने कहा कि अन्यान्य गलत कार्यों से धन नही कमाना चाहिए। न्याय से कमाया घन फलीभूत होता है।

ग्रामवासियों ने बताया कि परम श्रद्धेय पूज्यपाद जगतगुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी स्वारुपानंद सरस्वती जी महाराज एवं भगवती ग्रामदेवी एवं माँ बैनगंगा की कृपा से ग्राम पांजरा में दिव्य एवं भव्य कार्यक्रम खैरमाई प्रांगण, पांजरा में आयोजित है। जिसके चलते यहां प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 1 मई गुरुवार से 3 मई 2025 शनिवार तक होगा। वहीं कथा विश्राम एवं हवन प्रसाद भण्डारा 5 मई 2025, दिन सोमवार को होगा।

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