सिवनी। विकासखंड बरघाट क्षेत्र अंतर्गत गांव गोरखपुर में आयोजित सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन गुरुवार को कथा वाचक पंडित दिनेश मिश्र ने भगवान श्री कृष्ण एवं माता रुक्मणी विवाह का भावपूर्ण वर्णन किया।
कथावाचक ने भगवान श्री कृष्ण व माता रूकमिणी विवाह, सहित सभी विवाह का वर्णन बड़े मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया। संगीतमय कथा के दौरान धार्मिक प्रसंगों को सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। कथा व्यास ने कहा कि पुण्य सफल होने पर श्रीमद् भागवत कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है। श्रीमद् भागवत कथा का रसपान करने से सभी पुण्य सफल हो जाते हैं और पाप नष्ट हो जाते है। कहा कि सभी को अपने जीवन में किसी भी एक नेक कार्य को पूरी लगन और मन से करना चाहिए जिससे खुद का मन प्रफुल्लित हो। कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी विवाह का प्रसंग काफी रोचक रहा। रुक्मणी और श्री कृष्ण विवाह की मनमोहन धार्मिक झांकी निकाली गई। भगवान श्री कृष्ण और माता रुक्मणी का विवाह संपन्न होने के बाद महिलाओं ने विवाह और मंगल गीत गाया।
कथा आयोजन डॉ. राधेश्याम-ममता राहंगडाले ने बताया कि कथा आगामी शनिवार 29 मार्च को हवनपूजन, महाप्रसाद एवं पूर्णाहुति के साथ विश्राम लेगी।









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